
Shani Vakri: इस डेट तक शनि रहेंगे वक्री, अगले 5 महीने इन 4 राशियों की मौज, मिलेगा पद प्रतिष्ठा, करियर, कारोबार भरेगा उड़ान
पं. डब्बावाला के अनुसार सामान्यत: शनि का वक्रत्व काल 142 दिन का होता है। कुछ ग्रंथों में 138, कुछ में 139 और कुछ में 143 दिन का उल्लेख है। प्रमुख तौर पर यह 5 महीने के आसपास वक्री रहते हैं। शनि 15 नवंबर को मार्गी हो जाएंगे। डब्बावाला ने कहा, तकनीकी तौर पर डिजिटाइजेशन शनि के प्रभाव का बड़ा उदाहरण है।
कानूनी एफआईआर के संबंध में जो डिजिटाइजेशन फर्स्ट क्लिक हो रहा है, वह शनी के वक्रत्व काल के सात दिन पहले का अनुक्रम है। हालांकि कुंभ राशि के शनि का 2023 से ही अनुक्रम चल रहा है। 20 जनवरी 2023 से ही शनि के कुंभ राशि में परिभ्रमण से संविधान में संशोधन होते जा रहे हैं। विशिष्ट संशोधन कानून प्रणाली और संशोधन के रूप में दिखाई देंगे।
नवग्रह में शनि को न्याय का अधिपति कहा जाता है। शनि जब अपनी ही राशि में वक्री होते हैं तो न्याय से जुड़े क्षेत्र में ऐतिहासिक संशोधन की स्थिति बनती है और बहुत सारे परिवर्तन न्याय प्रणाली में इन दिनों दिखाई दिए भी हैं। इसका शुरुआती प्रभाव भारतीय दंड संहिता के संबंध में हुए संशोधन के रूप में लिया जा सकता है।
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कॉर्पोरेट वर्ल्ड में शनि के वक्तृत्व काल का बड़ा प्रभाव माना जाता है। कीमतों में उतार-चढ़ाव, लाभ-हानि की स्थिति भी इनके वक्री मार्गी से संबंधित होती है। ऑटोमोबाइल के कॉन्सेप्ट 3 महीने में नए वेरिएशन और फीचर के साथ लागू होंगे जो संभवतः डीजल-पेट्रोल से मुक्त होकर नेचुरल कॉन्सेप्ट पर काम करेंगे। व्हीकल एक्ट में भी परिवर्तन आएगा। कपड़ा, लकड़ी, लोहा, तेल, रासायनिक पदार्थ सेक्टर भी प्रभावित होंगे। राजनीतिक संगठनों में वैचारिक विषमता का प्रभाव रहेगा, जिसके कारण मुक्त या स्वतंत्र कार्य प्रणाली आंशिक तौर पर प्रभावित होगी।
मेष - रुके कार्य में प्रगति के योग बन रहे हैं प्रयास करें।
वृषभ - बड़े पद की प्राप्ति का योग है।
मिथुन - भाग्य का सहयोग प्राप्त हो सकेगा।
कर्क - स्वास्थ्य में राहत का अनुभव होगा, मानसिक तनाव भी कम होगा।
सिंह - विशेष कार्य के लिए यात्रा तथा व्यवसाय योजना का प्रस्ताव मिलेगा।
कन्या - कुछ स्थानों पर मौन रहने की आवश्यकता होगी।
तुला - जो मित्र पहले सहयोग नहीं कर रहे थे वे अब करेंगे।
वृश्चिक - संपत्ति के मामलों में मध्यस्थता सहयोग करेगी।
धनु - प्रतिक्षित कार्य अथवा आर्थिक या व्यावसायिक सफलता के योग।
मकर - आंशिक मानसिक तनाव संभावित है किंतु अधिक न सोचें।
कुंभ - वैचारिक परिवर्तन दुविधा की स्थिति बनाएगा।
मीन - कुछ स्थानों पर राहत का अनुभव होगा।
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जिन जातकों को शनि की साढ़े साती, ढैया, महादशा, अंतर्दशा या प्रत्यंतर दशा चल रही हो, वे शनि महाराज की अनुकूलता के लिए शनि स्त्रोत, शनि अष्टक, शनि स्तवराज, शनि के वैदिक मंत्र, शनि के बीजोक्त मंत्र, शनि की वस्तुओं का दान आदि कर सकते हैं। यह करने से साढे़ साती और महादशा अंतर्दशा में लाभ होगा, कार्य भी होंगे।
Updated on:
02 Jul 2024 02:19 pm
Published on:
02 Jul 2024 01:12 pm
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