जी हां, पंडित सुनील शर्मा के अनुसार इस बार गुरु मंगल योग का वही मिलन हो रहा है, जिसके चलते भगवान श्रीराम को 14 वर्ष का वनवास हुआ था, वैसा ही योग एक बार फिर बनने जा रहा है।
दरअसल 7 मई से ग्रहों की चाल बदलने जा रही है, जिससे सामाजिक, राजनैतिक और प्राकृतिक क्षेत्रों में भारी उथल पुथल देखने को मिल सकती है। इस दौरान तीन दुर्योग बनेंगे, जिससे आतंकी घटना, भूकंप सहित राजनैतिक परिवर्तन की घटनाएं देखने को मिलेंगी।
पंडित सुनील शर्मा के अनुसार शनि मंगल के समसप्तक योग और राहु मंगल की युति से अंगारक योग बनेगा। ग्रहों की ये युति 7 मई 22 जून तक यानि करीब 45 दिनों तक रहेगी। इसके चलते राजनीति, समाज और प्रकृति के क्षेत्र में दुर्घटनाओं का योग बन रहा है।
7 मई को प्रात: 6.54 बजे पर मंगल वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश कर जाएगा। यहां मिथुन राशि में पहले से ही मौजूद राहु होने से 22 जून शनिवार की रात्रि 11.23 मिनट पर अंगारक योग का निर्माण होगा।
इसके बाद मंगल कर्क राशि में प्रवेश कर जाएगा। यानि कर्क राशि में प्रवेश से पहले के इन 45 दिनों तक मंगल का मिथुन में गोचर तीन अशुभ योग का निर्माण करेगा। इमें गुरु मंगल का षडाष्टक योग, शनि मंगल का समसप्तक योग और राहु मंगल की युति से अंगारक योग बनेंगे।
गुरु मंगल का षडाष्टक योग
जब दो राशियो के बीच की दूरी का संबंध 6-8 का हो जाता है, तो यह षडाष्टक योग कहलाता है। गोचर में मंगल मिथुन राशि में और गुरु वृश्चिक राशि में… ।
इस प्रकार मंगल से गुरु छठा जबकि गुरु से मंगल आठवां होने के कारण षडाष्टक योग बनेगा। इस योग के कारण लोगों में सात्विक गुणों का ह्रास होगा और राजसी व तामसी गुण बढ़ेंगे।
वहीं बीमार लोगों की संख्या में भी इजाफा होगा। इसका सबसे ज्यादा असर पश्चिमी देशों में देखने को मिलेगा।
शनि मंगल का समसप्तक योग
इनके पहले स्थान में रहने के कारण समसप्तक योग बन रहा है। ऐसे में वाद-विवाद, दुघर्टनाएं आदि के योग बनेंगे, साथ ही बीमारियों पर भी अधिक खर्च होगा।
राहु मंगल का अंगारक योग
मिथुन राशि में राहु मंगल की युति होने से अंगारक योग बन रहा है। इसके प्रभाव से लोगों में गुस्से की बढ़ौतरी होगी। जो आपसी लड़ाइयों या वैमनस्य को बढ़ाएगा।
ये करें उपाय…
: जहां तक हो सके इन दिनों लाल,नीले,काले,मटमैले कपड़े पहनने से बचें।
: गाय को हरी घास व बूंदी के लड्डू खिलाएं।
: भगवान शिव की उपासना के साथ ही श्री गणेश व बजरंग बली की उपासना भी करें।
: मसूर की दाल, अनार, जामुन, चीकू, खट्टे पदार्थ व शीशे के बर्तन दान करें।