
Narak Chaturdashi 2020
नई दिल्ली। कार्तिक मांस की अमावस्या के दिन दिवाली मनाई जाती है। और कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन ‘नरक चतुर्दशी’ पर्व मनाया जाता है, जिसे नरक चौदस, या छोटी दीपावली के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन मृत्यु के देवता यमराज और धर्मराज चित्रगुप्त की पूजा की जाती है।
कहा जाता है कि इस दिन यमराज की पूजा करने से जातक को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन यमराज से प्रार्थना की जाती है कि उनकी कृपा से हमें नरक के भय से मुक्ति मिले।
बैसे नरक चतुर्दशी को मनाने के पीछे कई कारण जुड़े हुए है इसी दिन रामभक्त हनुमान का जन्म हुआ था इसके साथ ही नरक चतुर्दशी के दिन ही वामन अवतार में भगवान विष्णु ने राजा बलि से तीन पग भूमि दान में मांगते हुए तीनों लोकों सहित बलि के शरीर को भी अपने तीन पगों में नाप लिया था।
नरक चतुर्दशी के दिन स्नान का महत्व
नरक चतुर्दशी की पूजा विधि और मुहूर्त
नरक चतुर्दशी के दिन किए जाने वाले स्नान को अभ्यंग स्नान के नाम से जाना जाता है। इस स्नान को करने का शुभ मुहूर्त सुबह 5:23 बजे से 6:43 बजे के बीच है।
Published on:
10 Nov 2020 01:00 pm
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