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शनि शिंगणापुर: शनिदेव हैं यहां के रखवाले, इसलिए नहीं लगते घरों पर ताले

इस स्थान के दर्शन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। स्थानीय निवासियों को शनिदेव के चमत्कारों पर अटूट विश्वास है। इसलिए वे घरों पर ताले भी नहीं लगाते।

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Rajeev sharma

Apr 14, 2016

shani shingnapur

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अहमद नगर। शनिदेव को न्याय का दाता माना जाता है। उनका प्रभाव सिर्फ मनुष्यों पर ही नहीं, बल्कि समस्त जीव-जंतुओं पर होता है। वे कर्म के अनुसार प्राणी को उसका फल देते हैं। शनिदेव के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है- शनि शिंगणापुर। यह महाराष्ट्र के अहमद नगर जिले में है।

पिछले कुछ दिनों से यह मंदिर महिलाओं के प्रवेश और पूजन आदि को लेकर चर्चा में रहा है। इस स्थान के दर्शन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। स्थानीय निवासियों को शनिदेव के चमत्कारों पर अटूट विश्वास है। इसलिए वे घरों पर ताले भी नहीं लगाते।

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कण-कण में विराजमान शनिदेव

यह परंपरा बहुत पुरानी है। भक्तों की मान्यता के अनुसार, इस क्षेत्र के हर कण पर शनिदेव की निरंतर दृष्टि रहती है। इसलिए अगर कोई जानबूझकर चोरी जैसा कृत्य करता है, तो शनिदेव उसे अतिशीघ्र फल देते हैं। इसलिए लोग अपने घरों पर ताले नहीं लगाते एवं शनिदेव की कृपा से स्वयं को सुरक्षित महसूस करते हैं।

यहां शनिदेव के कोप व कुंडली के दोष का निवारण करने के लिए तेल अर्पित किया जाता है। इससे जातक के जीवन में शनि संबंधी दोषों का निवारण हो जाता है और जीवन में सुख-शांति, प्रसन्नता का आगमन होता है।

दुष्टों को देते हैं दंड

अगर इस स्थान पर कोई व्यक्ति चोरी का दुस्साहस करे तो क्या होता है? ग्रामीण बताते हैं कि जो इस स्थान पर आकर ऐसे कार्य करता है, उसे शनिदेव गांव की सीमा से भी बाहर नहीं निकलने देते। इससे पहले ही उसके जीवन में कोई बड़ा अनिष्ट जरूर होता है।

बहुत पहले कुछ लोगों ने ऐसा कार्य किया था, जिसका परिणाम देखकर फिर किसी की हिम्मत नहीं हुई। लोग घरों के अलावा यहां दुकानों पर भी ताले नहीं लगाते। शनिदेव की प्रतिमा से जुड़ा एक और रहस्य इस धाम को विशेष बनाता है। यहां शनिदेव खुले आसमान के नीचे विराजमान हैं।

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प्रत्येक ऋतु में वे यहीं रहते हैं। उनके ऊपर किसी प्रकार की कोई छाया आदि नहीं है। जिसने भी शनिदेव पर छत आदि बनाने का प्रयास किया, वह सफल नहीं हो सका। इसके बाद निर्णय लिया गया कि शनिदेव के ऊपर किसी भी प्रकार की छाया या छत आदि का प्रबंध नहीं किया जाएगा।

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