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शरद पूर्णिमा की रात पूजा में करें इन चीजों का उपयोग, बरस जाएगी मां की कृपा

शरद पूर्णिमा इस साल 30 अक्टूबर 2020 यानी शुक्रवार को मनाया जाएगा इस दिन देवी लक्ष्मी का जन्म हुआ था

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Sharad Purnima puja

Sharad Purnima puja

नई दिल्ली। शरद पूर्णिमा की रात चांद अपनी सारी उर्जा का संचार करके लोगों को हर संकंट से मुक्ति देने वाला है। क्योकि इस दिन चांद में 16 कलाए विद्मान रहती है। जिसकी छाया में आकर लोगों की मनोकामना पूर्ण होती है। तभी तो हर साल लोग शरदपूर्णिमा की पूजा करने के लिए पहले से तैयारी करने में लग जाते है। मान्य।ता यह भी है कि आश्विन मास की पूर्णिमा के दिन जब समुद्र मंथन हो रहा था तब मां लक्ष्मीक का जन्म हुआ था। इसलिए मां लक्ष्मी् शरद पूर्णिमा पर सर्वाधिक प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों की हरमनोकामना को पूर्ण करती है। यदि आप भी इस साल की शरद पूर्णिमा में मां को प्रसन्न करना चाहती है तो रात को पूजा करने के दौरान इन चीजों का उपयोग करना कतई ना भूले। आइए जानते हैं…

5 सफेद चीजों के साथ कौड़‍ियां

मां लक्ष्‍मी को सफेद रंग की चीजें बेहद पसंद है इसले शरदपूर्णिमा की पूजा करने के दौरान सफेद रंग के वस्त्र के साथ सफेद फूल सफेद मिठाई का भोग लगाकर पास में 5 कौड़ियां रखें बैसे तो पीली कौड़‍ियां बेहद प्रिय मानी जाती हैं। शाम की पूजा में कौड़ियां रखकर मां को आप असानी से प्रसन्‍न कर सकते हैं। पूजा करने के बाद इन सभी चीजों को लाल वस्त्र में लपेटकर अलमारी में पैसों के साथ रख दें। आपके घर में हमेशा बरकत बनी रहेगी।

पान का पूजा

बैसे तो हर पूजा पाठ में पान का विशेष महत्व होता है। दशहरे के समान शरदपूर्णिमा के दिन भी पान खाना बहुत ही शुभ माना जाता है। शरदपूर्णिमा की पूजा मां लक्ष्‍मी को भी पान चढ़ाएं और उसके बाद इसे प्रसाद के रूप में घर के सभी सदस्‍यों में बांट दें। पान समृद्धि का प्रतीक मान जाता है और सभी प्रकार के धार्मिक पूजापाठ में इसका प्रयोग किया जाता है।

लक्ष्मी स्तोत्र

शरद पूर्णिमा पर लक्ष्मी का पाठ करना काफी जरूरी होता है। सुबह स्‍नान के बाद लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर मां लक्ष्‍मी की तस्‍वीर रखकर पूजा करें। उसके बाद लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करें। मान्‍यता है कि समुद्र मंथन से देवी लक्ष्मी के प्राकट्य के समय देवराज इंद्र ने इस स्तोत्र से देवी की स्तुति की थी। इसके पाठ से देवताओं को उनका खोया हुआ वैभव प्राप्त हुआ था।

शरद पूर्णिमा के दिन प्रात: जल्‍दी स्‍नान करने के बाद मां लक्ष्‍मी की पूजा करें और सफेद पुष्‍प अर्पण करें। इस दिन व्रत रखकर पूरे विधि विधान के अनुसार शाम को देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करें। ऐसा करने से लक्ष्‍मीनारायण आप पर प्रसन्‍न होंगे और आपका घर धन-धान्‍य से भर देंगे।

शरद पूर्णिमा की रात चांद में एक अलग सी उर्जा देखने को मिलती है। क्योकि इस दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से युक्‍त होता है। इसलिए रात में आपको चंद्रदेव की पूजा करना चाहिए। और खीर बनाकर बाहर रख देना चाहिए। चंद्रमा का आर्ध्य देकर सबको प्रसाद बांटना चाहिए।