- इस बार मार्गशीर्ष अमावस्या पर हो रहा है महयोग का निर्माण
मार्गशीर्ष मास की अमावस्या तिथि इस साल 2022 में 23 नवंबर, बुधवार को है। शुभ योग के साथ मार्गशीर्ष मास की अमावस्या अशुभ दोषों का निवारण करने के लिए सबसे उत्तम मानी गई है। वहीं इस बार मार्गशीर्ष अमावस्या पर सर्वार्थ सिद्धि, अमृत सिद्धि योग, शोभन योग और अमृत काल जैसे महयोग का निर्माण हो रहा है, जिससे इस दिन का महत्व बढ़ गया है। मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करके पितरों को दर्पण देने का विशेष महत्व है।
इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा और पितरों के नाम का दान पुण्य करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। ज्योतिष शास्त्र में मार्गशीर्ष मास की अमावस्या का महत्व बताते हुए कुछ उपाय भी बताए गए हैं, इन उपायों के करने से घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और धन आगमन के योग बनते हैं। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में...
ऐसे पितर होंगे प्रसन्न
पवित्र नदियों में स्नान मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन करने का शास्त्रों में विशेष महत्व बताया गया है। साथ ही यह भी माना जाता है कि इस दिन पितरों को याद करते हुए तर्पण और दान देने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा इस अमावस्या को पितरों के नाम का घी का दीपक जलाना और शाम के समय पितरों के नाम का दीपदान भी करना चाहिए। मुमकिन हो तो इस दिन व्रत भी अवश्य रखें और पितरों के नाम का भोजन भी कराएं।
ऐसे आएगी सुख-समृद्धि
मान्यता के अनुसार मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस दिन सूर्योदय के समय पीपल की जड़ को दूध और जल से सीचना चाहिए और फिर पांच तरह की मिठाई वहां रखनी चाहिए। इसके बाद हल्दी, कुमकुम, अक्षत, फूल आदि से उनकी पूजा करनी चाहिए। वहीं पूजा के बाद 11 परिक्रमा के पश्चात अपनी मनोकामना उनके सामने रखनी चाहिए। माना जाता है कि इसके अलावा सूर्यास्त के समय पांच घी के दीपक जलाने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
शनि दोष से मुक्ति
मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन शनिदेव की विशेष पूजा करने का विधान है। इसके तहत इस दिन किसी शनि मंदिर में जाकर तिल और तेल का दान करना चाहिए। साथ ही इस दिन गरीब व जरूरतमंद व्यक्तियों को ऊनी वस्त्र दान कर सकते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है और उनकी कृपा से भविष्य में लाभ के योग बनता है।
लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए
मार्गशीर्ष अमावस्या की तिथि पर शाम के समय घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक जलाना चाहिए। लेकिन यह ध्यान रखें कि दीपक की बत्ती लाल रंग के धागे की ही हो यानि रूई की न हो। इस समय दीपक में थोड़ी सी केसर भी डाल दें। इसके साथ ही चीटियों को शक्कर मिला हुआ आटा डालें। माना जाता है कि ऐसा करने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है और पाप कर्मों का क्षय भी होता है।
शत्रुओं से मुक्ति के लिए
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मार्गशीर्ष अमावस्या की रात के समय काले कुत्ते को तेल चुपड़ी रोटी खिलाना चाहिए। वहीं इसके पश्चात पांच लाल फूल और पांच दीपक बहते हुए जल में प्रवाहित करने से धन प्राप्ति के प्रबल योग बनते हैं और दुश्मन भी शांत हो जाते हैं। मान्यता के अनुसार, यह उपाय व्यक्ति के जीवन चल रहीं कई कष्टों को दूर करता है।
रोजगार में तरक्की के लिए
रोजगार की तलाश करने वाले जातकों को मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन एक नींबू को लेकर उसे साफ करने के पश्चात घर के मंदिर में रख देना चाहिए। फिर रात के समय उस नींबू को अपने ऊपर से सात बार सिर से लेकर पैर तक उतारने के बाद चार बराबर भागों में काट लेना चाहिए। इसके बाद एक चौराहे पर जाकर चारों दिशाओं में एक-एक टुकड़ा फेंक देना चाहिए(ध्यान रहे कि ऐसा करते समय कोई देखे नहीं।) माना जाता है कि ऐसा करने से रोजगार प्राप्ति के योग बनना शुरू हो जाते हैं।