
प्रतिकात्मक तस्वीर: Traffic Police
देश में ट्रैफिक नियमों को बेहतरी से लागू करने और वाहन चालकों द्वारा सख्ती से उनका पालन कराए जाने के लिए मोटर व्हीकल एक्ट में संसोधन किया गया था। जिसके बाद ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाई करने के अलावा चालान की राशि को भी काफी हद तद बढ़ाया गया। बावजूद इसके कई लोग ऐसे हैं जो आए दिन यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए वाहन चलाते हैं।
लोगों की इसी लापरवाही के चलते कई बार यातायात पुलिस और आरटीओ अधिकारी वाहन चालकों का ड्राइविंग लाइसेंस (Driving Licence) जब्त कर लेते हैं। लेकिन हाल ही में मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने हाल ही में, के. पेरुमल द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि, तमिलनाडु में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों के पास किसी व्यक्ति के ड्राइविंग लाइसेंस को जब्त करने की शक्ति नहीं है वो केवल इसे रद्द करने के लिए कदम उठा सकते हैं।
पेरुमल तमिलनाडु राज्य परिवहन निगम (TNSTC) में एक ड्राइवर हैं। बता दें कि, इस साल 2 अप्रैल को विरुधुनगर में एक दुर्घटना के बाद, वेम्बकोट्टई पुलिस ने पेरुमल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की और उसका ड्राइविंग लाइसेंस जब्त कर लिया था। दस्तावेज बाद में विरुधुनगर क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को सौंप दिया गया। जैसा कि पेरुमल ने अपना लाइसेंस वापस करने के लिए अधिकारियों को प्रस्तुत किया था, वह पूरी तरह बेकार गया, जिसके बाद उन्होनें अदालत का दरवाजा खटखटाया।
मोटर वाहन अधिनियम का अवलोकन करते हुए, न्यायमूर्ति कृष्णन रामासामी ने कहा कि अधिकारियों के पास केवल कुछ परिस्थितियों में किसी व्यक्ति का लाइसेंस रद्द करने की पावर है। न्यायाधीश ने कहा, अधिकारियों ने याचिकाकर्ता को कोई कारण बताओ नोटिस जारी किए बिना लाइसेंस जब्त कर लिया, माननीय न्यायालय ने अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर लाइसेंस वापस करने का निर्देश दिया है।
Published on:
18 May 2022 11:15 pm
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