Ayodhya Ram Temple Pran Pratishtha 2025 : अयोध्या में गंगा दशहरा के दिन राम मंदिर परिसर के 14 देवालय में एक साथ प्राण प्रतिष्ठा होगी। यह दिन ऐतिहासिक दिन के रूप में याद किया जाएगा। अयोध्या के 101 आचार्य प्राण प्रतिष्ठा कराएंगे यह कार्यक्रम 30 मई से ही शुरू हो जाएगा।
Ayodhya Ram Temple Pran Pratishtha 2025: अयोध्या में 5 जून की तारीख अब सिर्फ कैलेंडर तक सीमित नहीं रहेगी बल्कि यह दिन ऐतिहासिक दिन बनने जा रहा है। इसी दिन गंगा दशहरा पड़ता है। गंगा दशहरा के दिन राम मंदिर परिसर स्थित देवालयों में 14 देवी देवताओं की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। अयोध्या के 101 आचार्य प्राण प्रतिष्ठा कराएंगे। यह कार्यक्रम 30 मई से ही शुरू हो जाएगा।
Ayodhya Ram Temple: अयोध्या में 5 जून गंगा दशहरा का पावन दिन एक बार फिर ऐतिहासिक बनने वाला है। यह दिन आस्था भक्ति और सांस्कृतिक चेतना का अद्वितीय साक्षी बनेगा।यह तारीख अब केवल पंचांग में नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृत के स्वर्ण अक्षरों में दर्ज होगी। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में गंगा दशहरा के पावन अवसर पर एक नहीं, पूरे 14 देवालयों में एक साथ प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन होगा। यह आयोजन केवल मूर्तियों को जीवंत करने का नहीं बल्कि पूरे राष्ट्र की आत्मा को पुन: धर्ममय करने का होगा।
अयोध्या में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से तीन दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की रूपरेखा बना रही लेकिन पूजन अर्चन का कार्यक्रम 30 मई से ही शुरू हो जाएगा।काशी व अयोध्या के 101 आचार्य प्राण प्रतिष्ठा कराएंगे। 30 मई को ही परकोटा के शिव मंदिर में शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा के लिए शिव वास जरूरी होता है। 30 मई को शिव वास रहेगा, जिसके चलते इसी दिन शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा कर ली जाएगी। इसके बाद 13 विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा गंगा दशहरा पर होगी।सात दिवसीय अनुष्ठान के क्रम में पंचांग पूजन, वेदी पूजन, यज्ञ मंडप पूजन, अग्नि स्थापना, जल यात्रा होगी। यज्ञ मंडपम पूजन से अनुष्ठान का शुभारंभ होगा। इसके बाद जलाधिवास, औषधिवास सहित अन्य अधिवास होंगे।
वैदिक आचार्य विभिन्न मंत्रों का जप, वाल्मीकि रामायण का पाठ, चारों वेदों का पाठ, रामचरित मानस का पारायण सहित अन्य अनुष्ठान करते रहेंगे। मंदिरों में देव विग्रह की स्थापना के लिए संगमरमर के पत्थर के दो फीट ऊंचे सिंहासन भी बनाए गए हैं। इसी सिंहासन पर देव विग्रहों को प्रतिष्ठित किया जाएगा।
राम मंदिर परकोटा के छह मंदिर- गणपति, हनुमान, माता भगवती, माता अन्नपूर्णा, भगवान शिव, सूर्य देव, इसके अलावा सप्त मंडपम के सात मंदिर- महर्षि वशिष्ठ, वाल्मीकि, अगस्त्य, विश्वामित्र, अहिल्या, शबरी, निषादराज
शेषावतार मंदिर में लक्ष्मण की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।