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आजम खान ने रामलला को चढ़ाई 50 फीट लंबी चुनरी, महंत नृत्य गोपाल दास से की मुलाकात

locationअयोध्याPublished: Nov 28, 2019 10:26:03 pm

Submitted by:

Neeraj Patel

राम जन्मभूमि न्यास को सौंपा ज्ञापन राम मंदिर के मुख्य द्वार पर लगे मुस्लिम समर्थकों के नाम का शिलापट

आजम खान ने रामलला को चढ़ाई 50 फीट लंबी चुनरी, महंत नृत्य गोपाल दास से की मुलाकात

आजम खान ने रामलला को चढ़ाई 50 फीट लंबी चुनरी, महंत नृत्य गोपाल दास से की मुलाकात

अयोध्या. राम मंदिर के मुख्य द्वार पर मुस्लिम कारसेवकों के नाम पत्थर लगाने की मांग को लेकर राष्ट्रीय मुस्लिम कारसेवक मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष आजम खान ने महंत नृत्य गोपाल दास से मुलाकात कर ज्ञापन शौंपा। तो वहीं रामलला को उर्दू में जय श्री राम लिखा 50 फुट का चुनरी भी भेंट की।

अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण को लेकर हिंदू समुदाय के लोग ही नहीं बल्कि मुस्लिम कारसेवक मंच से जुड़े सैकड़ों मुस्लिम राम मंदिर निर्माण को लेकर वर्षों से प्रयास में रहे हैं आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर निर्माण में मुस्लिम कारसेवकों की भी सहभागिता बने। इसको लेकर राम जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास से मुलाकात की इस दौरान मोहम्मद आजम खान ने मंदिर के मुख्य द्वार पर मुस्लिम कारसेवकों के नाम से पत्थर लगाए जाने की मांग की जिसके बाद रामजन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास से मुलाकात कर 50 फुट लंबा उर्दू में लिखे जय श्रीराम चुनरी रामलला को भेंट की कर राम मंदिर आंदोलन के अगुआ रहे दिवंगत महंत परमहंस उदास की समाधि स्थल पर श्रद्धांजलि देने के बाद राम लला का दर्शन किया।

मुस्लिम कारसेवक मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद आजम खान ने बताया कि आज सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ किया है और वर्षों से मंदिर निर्माण का आंदोलन आज सफल हुआ आज अयोध्या से यह संदेश देना चाहता हूं कि रामलला किसी एक नहीं बाकी सभी धर्मों के हैं वहीं बताया कि आज अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के बाद पहली चुनरी रामलला को मुस्लिम कारसेवकों के द्वारा दी गई चुनरी चढ़ाई जाए जिसको लेकर आज पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास को 50 फुट लंबा जय श्रीराम लिखा चुनरी भेंट किया गया है ताकि भविष्य में राम मंदिर से ऐसा संदेश रहेगी सभी धर्मों की सहमति से भव्य मंदिर का निर्माण किया गया है।

वहीं बताया कि मंदिर निर्माण के मुख्य द्वार पर एक शिला पर लगाई जाए जिसमें मुस्लिम कारसेवक को के नाम भी अंकित हो उसके साथ ही कहां की सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिए जाने वाले जमीन पर बनने वाली मस्जिद पर भी हिंदू संतों के नाम भी अंकित हो जिससे अयोध्या से हमेशा सौहार्द की मिसाल बने।

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