
शालिग्राम पत्थर में भगवान विष्णु का होता है वास
श्री रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है। जनवरी 24 में भगवान राम जब अपने गर्भ गृह में विराजमान हो जाएंगे। तो पूरी दुनिया से राम भक्त अयोध्या अपने आराध्य के दर्शन पूजन करने के लिए आएंगे।
भगवान रामलला के स्वरूप को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। लोग दावा कर रहे हैं नेपाल की गंडकी नदी के शालिग्राम पत्थर से भगवान रामलला की मूर्ति बनाई जाएगी।
देश के बड़े मूर्तिकार बनाएंगे रामलला की मूर्ति
हालांकि इस पूरे मामले पर जब ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय से बात की गई तो उन्होंने साफ कहा की शालिग्राम पत्थर ही नहीं कई जगहों से पत्थर अभी अयोध्या आएंगे और उन पत्थरों पर जब मूर्तिकार छीनी चलाएंगे कब पता चलेगा कि किस पत्थर से रामलला की प्रतिमा बनाई जाएगी।
शालिग्राम में देवी देवताओं की होती है पूजा
शालिग्राम पत्थर की धार्मिक मान्यता है जिस तरह सनातन धर्म में त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु, महेश के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है। जैसे भगवान शंकर की उपासना शिवलिंग के रूप में की जाती है।
भगवान ब्रह्मा की उपासना शंख के रूप में की जाती है। ठीक उसी प्रकार भगवान विष्णु की उपासना शालिग्राम के रूप में की जाती है।
33 प्रकार से होता शालिग्राम पत्थर
शालिग्राम पत्थर नेपाल के गंडकी तट पर पाए जाते हैं। बताया जाता है कि 33 प्रकार के शालिग्राम पत्थर होते हैं। जिसमें 24 प्रकार के पत्थर की पूजा भगवान विष्णु के अवतार के रूप में की जाती है।
नेपाल के गंडकी नदी से निकाली गई शालिग्राम शिला
रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास बताते हैं, कि नेपाल के गंडकी नदी का जो शालिग्राम का पत्थर है। वह भगवान विष्णु के रूप में पूजा जाता है। अनेक मंदिरों में शालिग्राम का पत्थर पाया जाता है।
शालिग्राम पत्थर में भगवान विष्णु का होता है वास
भगवाल विष्णु के स्वरूप में उन्हीं का पूजा अर्चना किया जाता है। अगर उस पत्थर से भगवान राम की मूर्ति बनेगी तो यह बहुत अद्भुत है। शालिग्राम का पत्थर स्वयं प्रतिष्ठित होता है। उसका प्राण प्रतिष्ठा नहीं करना पड़ता। स्वयं भगवान विष्णु शालिग्राम पत्थर में वास करते हैं।
Published on:
31 Jan 2023 07:06 pm
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