
Ram Mandir Case : न बाबर कभी अयोध्या आया और न ही उसने तोड़ा था राम मंदिर- किशोर कुणाल
अयोध्या : देश की सबसे बड़ी अदालत में चल रहे देश के सबसे बड़े मुकदमे अयोध्या के बाबरी मस्जिद राम जन्मभूमि विवाद ( Ram Mandir Babari Masjid Dispute ) की नियमित रूप से सुनवाई हो रही है . चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ( CJI Ranjan Gogoi ) की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ इस मुकदमे के प्रमुख पक्षकारों की दलीलें सुन रही है . देश की बड़ी आबादी को इस बात का इंतजार है कि जल्द ही इस विवादित मसले का हल हो जाएगा और बीते 7 दशक से अधिक समय से पूरे देश भर में हिंदू और मुस्लिम के बीच खुदी गहरी खाई पट जाएगी . हालांकि अभी इस मुकदमे का कोई नतीजा नहीं आया है . लेकिन इस पूरे विवाद को लेकर अक्सर नई नई चीजें सामने आती रही हैं .
सुप्रीम कोर्ट में चल रही राम मंदिर बाबरी मस्जिद केस की सुनवाई के बीच रोज़ सामने आ रहे हैं नए नए दावे
अब एक नए दावे के मुताबिक पूर्व आईपीएस अधिकारी किशोर कुणाल ( Kishor Kunal ) द्वारा लिखी गई एक किताब में यह दावा किया गया है कि अयोध्या को के मंदिरों को बाबर ( Babar ) ने नहीं बल्कि औरंगजेब ( Aurangjeb ) ने तुड़वाया था . गुजरात कैडर के 1972 बैच के पूर्व आईपीएस अधिकारी किशोर कुणाल का यह भी दावा है कि बाबर तो कभी अयोध्या ( Ayodhya ) में आया ही नहीं . इतना ही नहीं किशोर कुणाल ने अपनी किताब में यह भी लिखा है कि विवादित स्थल पर मंदिर मौजूद था .किशोर कुणाल की लिखी किताब अयोध्या रिविजिटेड ( Ayodhya Revisited ) में राम मंदिर ( Ram Mandir ) को लेकर कई अहम बातों का जिक्र किया गया है . हालांकि इस किताब को लेकर पहले भी चर्चा आम होती रही है लेकिन जब राम मंदिर बाबरी मस्जिद विवाद ( Babari Masjid Case ) इस समय चर्चा का केंद्र है तो जाहिर तौर पर इस किताब में लिखी गई बातों पर भी चर्चा तेज हो गई है .
पूर्व आईपीएस अधिकारी किशोर कुणाल की लिखी किताब अयोध्या रिविजिटेड में किये गए कई बड़े दावे
किताब की प्रस्तावना पूर्व प्रधान न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट जीबी पटनायक द्वारा लिखी गई है, जिसमे उन्होंने यह लिखा है कि यह किताब हिंदू हित की धरोहर है . किशोर कुणाल लिखते हैं कि ब्रिटिश काल की पुरानी फाइलों ,कुछ प्राचीन संस्कृत सामग्री ,खुदाई की समीक्षा एवं विदेशी पर्यटकों की लिखी बातों से स्पष्ट है कि अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर ( Ram Janm Bhoomi ) था ,जिसे पहले तोड़ा गया और उसके बाद मस्जिद बनाई गई . अयोध्या में राम मंदिर को तोड़ने का काम बाबर के शासनकाल में नहीं हुआ बल्कि औरंगजेब ने प्राचीन मंदिर को तोड़ा था .
Published on:
30 Aug 2019 12:27 pm
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