मंदिर का डिजाइन चंद्रकांत भाई सोमपुरा राम मंदिर मॉडल के रचनाकर हैं। यह वही आर्किटेक्ट हैं जिन्होंने 30 साल पहले राम मंदिर की रेप्लिका बनाई थी। चंद्रकांत भाई सोमपुरा ने अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर की डिजाइन का खुलासा किया है। यह मंदिर नागर शैली में बना अष्ट कोणीय होगा। मंदिर में भगवान राम की मूर्ति और राम दरबार होगा। इस मुख्य मंदिर के आगे-पीछे सीता, लक्ष्मण, भरत और भगवान गणेश के मंदिर होंगे। मंदिर परिसर में संत निवास, शोध केंद्र, कर्मचारियों के आवास, भोजनालय वगैरह भी होंगे। मंदिर अक्षरधाम मंदिर की शैली में बनेग।
नक्शे के अनुसार मंदिर दो मंजिला होगा। मंदिर की लंबाई 268 फीट पांच इंच, चौड़ाई 140 फीट और ऊंचाई 128 फीट होगी। मंदिर में जाने के लिए पांच दरवाजे होंगे, जो कि सिंह द्वार, नृत्य मंडप, रंग मंडप, कोली, गर्भ गृह और परिक्रमा मार्ग होगा। दो मंजिल के मंदिर में भगवान राम की प्रतिमा नीचे की मंजिल में होगी। ऊपर की मंजिर में राम दरबार होगा। मंदिर में आवगमन के लिए 24 द्वार होंगे।
ग्रेनाइट पत्थर लगेंगे मंदिर में 212 स्तंभ लगाए जाएंगे। हर मंजिल पर 106 स्तंभ होंगे। प्रथम मंजिल पर लगने वाले स्तंभों की ऊंचाई 16 फीट छह इंच व दूसरी मंजिल पर लगने वाली स्तंभों की ऊंचाई 14 फीट छह इंच होगी। हर स्तंभ पर यक्ष-यक्षिणियों की 16 मूर्तियां बनाई जाएंगी। सरयू नदी से सटकर बनने वाले इस मंदिर की बुनियाद तैयार करने में तकरीबन सात से आठ महीने का वक्त लग सकता है। इसके बाद पत्थरों को लगाने का काम शुरू हो जाएगा। पूरा मंदिर बनने में तीन साल का वक्त लग सकता है। मंदिर निर्माण के लिए 175 हजार घन फीट लाल बलुआ पत्थर का इस्तेमाल होगा। मंदिर की प्लिंथ में ग्रेनाइट पत्थर लगेंगे। मंदिर के निर्माण पर 40 से 50 करोड़ रुपये व्यय होने का अनुमान है।
नक्शा बनने में लगा तीन माह रामजन्मभूमि पर प्रस्तावित मंदिर का नक्शा तैयार करने में तीन माह का समय लगा था। नक्शा तैयार करने के बाद इसे अशोक सिंहल को सौंपा गया। फिर विहिप के शीर्ष नेताओं, संतों और अखाड़ों के प्रमुखों को यह नक्शा दिखाया गया है। फाइनल जवाब आने पर तय हुआ कि मंदिर का निर्माण इसी नक्शे के आधार पर किया जाएगा।
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