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राम जन्मभूमि परिसर में स्थापित होगी कोदंड राम की मूर्ति, ग्वालियर से रामभक्त ने ट्रस्ट के सचिव को सौंपा

राम जन्मभूमि परिसर में अब रामलला कोदंड रूप में विराजमान होंगे। इस प्रतिमा को ग्वालियर के रहने वाले एक रामभक्त ने बनाई है, जिसे कारसेवक पुरम में मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी ने रखवा दिया है।

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रामजन्मभूमि परिसर में स्थापित होगी कोदंड राम की मूर्ति, ग्वालियर से रामभक्त ने ट्रस्ट के सचिव को सौंपा

रामजन्मभूमि परिसर में स्थापित होगी कोदंड राम की मूर्ति, ग्वालियर से रामभक्त ने ट्रस्ट के सचिव को सौंपा

अयोध्या. राम जन्मभूमि परिसर (Ram Janmbhoomi Parisar) में अब रामलला कोदंड रूप में विराजमान होंगे। इस प्रतिमा को ग्वालियर के रहने वाले एक रामभक्त ने बनाई है, जिसे कारसेवक पुरम में मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी ने रखवा दिया है। कोदंड रूप में बनी श्रीराम की प्रतिमा को मेटल कोटेड फाइबर धातु से बनाया गया है। यह पांच फुट की प्रतिमा है। इस मंदिर के परिसर में स्थापित किया जाएगा। शुक्रवार को रामभक्त ने इसे ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को सौंपा। मूर्ति पर ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय ने कहा कि जब उनके पास रामभक्त का फोन आया कि वह आना चाहते हैं तो मैंने कहा कि अयोध्या आने से किसी को कोई कैसे रोक सकता है। उन्होंने ही यह कोदंड राम की प्रतिमा सौंपी है जिसको उचित स्थान दिया जाएगा।

हनुमान मंदिर भी होगा

राम जन्मभूमि पर श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के अलावा, ग्रह नक्षत्र वाटिका, श्रीराम के जीवन को प्रदर्शित करने और उनके जीवन चरित्र पर प्रकाश डालती प्रतिमाओं की श्रृंखला के जरिए रामकथा कुंज की स्थापना, विश्रामगृह, भगवान शिव और हनुमान मंदिर भी होंगे। इसके अलावा भजनस्थल समेत अन्य ऐसे कई स्थल होंगे जो राम जन्मभूमि परिसर को आलौकिक और राममय बना देंगे। इन्हीं में से एक होगी मेटल कोटेड कोदंड राम की पांच फुट की प्रतिमा। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि मूर्तिकार ने फाइबर की भगवान राम की मूर्ति बनाई है। उनकी कल्पना है कि भगवान श्रीराम ने जब लंका पर विजय प्राप्त की थी तो उस समय श्रीराम को प्रसन्नता हुई थी। उनकी खुशी को इस मूर्ति के चेहरे पर दर्शाया गया है। उन्होंने कहा कि यह भक्त की श्रद्धा थी, जिसको यहां समर्पित किया है।

गौरतलब है कि मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। मंदिर निर्माण के लिए 40 फीट गहराई तक हटाए गए मलबे को अब भरने का किया जा रहा है। वहीं, मंदिर निर्माण के लिए एक हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। हालांकि, ट्रस्ट के अधिकारियों का कहना है कि चंदे की राशि तीन करोड़ से ज्यादा हो गई है।

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