20 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अयोध्या: दानदाताओं के लिए थोड़ी निराशा, राम मंदिर निर्माण के लिए 1989 में लाए गए ईंटों का नहीं होगा इस्तेमाल

- अयोध्या में राममंदिर भले ही 2023 में खुल जाए लेकिन 2025 से पहले बन कर नहीं हो पाएगा तैयार

2 min read
Google source verification
Ram Mandir

Ram Mandir

लखनऊ. भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण (Ram Mandir Nirman) का काम पूरे होने की प्रतीक्षा भक्त पूरी श्रद्धा से कर रहे हैं। इसमें यह तो तय हो गया है कि 2023 अंत तक मंदिर के गर्भगृह में श्रद्धालु रामलला के दर्शन कर सकेंगे, लेकिन मंदिर पूर्ण रूप से 2025 से पहले तैयार नहीं हो पाएगा। मंदिर निर्माण समिति से जुड़े सूत्रों ने इसकी जानकारी दी। वहीं राम भक्तों के लिए एक निराशाजनक खबर यह है कि 1989 में देशभर से आईं राम नाम लिखी ईटों व शिलाओं का मंदिर में इस्तेमाल नहीं हो पाएगा। पहले से तैयार 40 हजार क्यूबिक फिट नक्काशीदार पत्थरों में भी सिर्फ 70 प्रतिशत का ही प्रयोग होगा।

ये भी पढ़ें- Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या के श्रीराम मंदिर में भक्तों के लिये दिसंबर 2023 से शुरू होंगे दर्शन, 2025 तक बनकर हो जाएगा तैयार

पत्थरों का कहीं न कहीं होगा इस्तेमाल-
मंदिर निर्माण समिति से जुड़े सूत्रों का कहना है कि दिसंबर 2023 तक मुख्य गर्भगृह व मंदिर की पहली मंजिल का काम पूरा होने की संभावना है। ऐसे में वहां श्रद्धालु के लिए उस वक्त तक मंदिर के दरवाजे खुल जाएंगे और वे आराम से दर्शन-पूजन कर सकेंगे। आगे बताया कि मंदिर आंदोलन के दौरान देशभर से कारसेवक मंदिर निर्माण के लिए ईंट लाए थे। उनका भी इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। दरअसल जिन पत्थरों की पूर्ण संरचना हो गई है, उन्हीं का इस्तेमाल मंदिर में करने का फैसला किया गया है। लेकिन राम भक्तों की आस्था को ध्यान में रखते हुए पत्थरों का कहीं न कहीं इस्तेमाल तो किया ही जाएगा। इसके अतिरिक्त विहिप की वर्कशॉप कारसेवकपुरम में रखे नक्काशीदार पत्थरों में से केवल 70 प्रतिशत का ही इस्तेमाल हो सकेगा।

ये भी पढ़ें- Ayodhya : अयोध्या पर एक साल में 25 हजार करोड़ की बारिश, जानें- राम मंदिर शिलान्यास के बाद कितनी बदली अयोध्या?

50 महीने में 29वीं बार अयोध्या पहुंचे सीएम योगी-

50 महीनों में 29वीं बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रामनगरी अयोध्या पहुंचे। मौका भी खास था। 5 अगस्त को मंदिर निर्माण के लिए हुए भूमि पूजन की पहली सालगिरह थी। इस उपलक्ष्य में अयोध्या में कई धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री ने भाग लिया। इससे पहले अयोध्या पहुंचते ही सीएम ने राम लला के दर्शन किए। उन्होंने आरती उतारी व पूजन भी किया। इसके बाद उन्होंने अन्न महोत्सव में भाग लिया और फिर लखनऊ रवाना हो गए।


बड़ी खबरें

View All

अयोध्या

उत्तर प्रदेश

ट्रेंडिंग