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अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि वाले न देखें यह ग्रहण, हो सकता है भारी नुकसान

सूतक काल : सूतक काल के दौरान भोजन बनाना व भोजन करना भी उचित नहीं है। हालांकि, सूतक काल में गर्भवती स्त्री, बच्चे, वृद्ध जन भोजन कर सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें दोष नहीं लगेगा।

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Ayodhya Eclipse News: 🌙⚫ चंद्र - ग्रहण 🌙 (28 अक्टूबर 2023)

चंद्रग्रहण सिर्फ और सिर्फ वैज्ञानिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण घटना है। साल का अंतिम चंद्रग्रहण शरद पूर्णिमा के दिन लगने जा रहा है। शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण रहता है, ऐसे में इस दिन ग्रहण लगना बेहद महत्वपूर्ण रहने वाला है। इस साल का अंतिम चंद्रग्रहण मेष राशि में लगने जा रहा है। ग्रहण का असर सभी राशियों पर दिखाई देने वाला है। चंद्रग्रहण शनिवार देर रात 1बजकर 05मिनट से लेकर २ बजकर २४ मिनट तक रहेगा। यानी यह ग्रहण 1 घंटा 18 मिनट का रहेगा। इस चंद्र ग्रहण का सूतक काल भारत में मान्य होगा।

ग्रहण सूतक काल समय-:

चंद्रग्रहण का सूतक काल ग्रहण के 9 घंटे पूर्व से शुरु हो जाता है अतः भारतीय समय अनुसार, चंद्रग्रहण का सूतक शाम में 4 बजकर 05 मिनट पर आरंभ हो जाएगा। इस ग्रहण में चंद्रबिम्ब दक्षिण की तरफ से ग्रस्त होगा।

▪️देश और दुनिया में कहां- कहां दिखाई देगा ग्रहण-:

चंद्रग्रहण भारत, ऑस्ट्रेलिया, संपूर्ण एशिया, यूरोप, अफ्रीका, दक्षिणी-पूर्वी अमेरिका, उत्तरी अमेरिका, कैनेडा, ब्राजील , एटलांटिक महासागर में यह ग्रहण दिखाई देगा। भारत में यह ग्रहण शुरुआत से अंत तक दिखाई देगा।

▪️सूतक काल में न करें ये काम-:

चंद्रग्रहण का सूतक शाम में 4 बजकर 05 मिनट पर प्रारंभ हो जाएगा। इस दौरान आपको किसी प्रकार का मांगलिक कार्य, स्नान, हवन और भगवान की मूर्ति का स्पर्श नहीं करना चाहिए। इस समय आप अपने गुरु मंत्र, भगवान नाम जप, श्रीहनुमान चालीसा कर सकते हैं।

चंद्र ग्रहण- सूतक काल के दौरान भोजन बनाना व भोजन करना भी उचित नहीं है। हालांकि, सूतक काल में गर्भवती स्त्री, बच्चे, वृद्ध जन भोजन कर सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें दोष नहीं लगेगा। ध्यान रखें की सूतक काल आरंभ होने से पहले खाने पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डाल दें। इसके अलावा आप इसमें कुश भी डाल सकते हैं।

▪️चंद्र ग्रहण पुण्य काल-:

चंद्र, ग्रहण से मुक्त होने के बाद स्नान- दान- पुण्य- पूजा उपासना इत्यादि का विशेष महत्व है। अतः 28 अक्टूबर, सुबह स्नान के बाद भगवान की पूजा- उपासना, दान पुण्य करें। ऐसा करने से चंद्र ग्रहण के अशुभ प्रभाव कम होते हैं।

यह चंद्र ग्रहण अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि पर लगेगा। विभिन्न राशि वालों के लिए ग्रहण का गोचर फल इस प्रकार होगा।
👉मेष --राशि वालों के लिए घात
👉वृष --हानि
👉मिथुन --लाभ
👉कर्क --सुख
👉सिंह --मानहानि
👉कन्या --नृत्य तुल्य कष्ट
👉तुला --स्त्री पीड़ा
👉वृश्चिक --शौक्याम
👉धनु --चिंता,
👉मकर --व्यथा ,

👉कुंभ --श्री प्राप्ति ,
👉मीन --क्षति ।
🔅अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि वालों को यह ग्रहण नहीं देखना चाहिए तथा शांति का उपाय करना चाहिए।


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