ये भी पढ़ें –
बड़ी खबर : इन्साफ की आस लगाये पक्षकारों को मिली एक और तारीख,अब दो अगस्त को होगी मंदिर मस्जिद मुकदमे की सुनवाई सावन में भगवान् शिव की आराधना का है विशेष लाभ लेकिन जानकारी के अभाव में अक्सर हो जाती हैं गलतियां सावन मास में भगवान शिव की आराधना करने के लिए सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए और भगवान शिव का स्मरण कर पानी में कुछ काले तिल डालकर स्नान कर लेना चाहिए जिसके बाद महामृत्युंजय महामंत्र ( Mahamrityunjay Jap ) का जाप करने से तमाम कष्टों का नाश होता है भगवान शिव की आराधना करने के लिए इसके अलावा शिव पुराण मंत्र (
Shiv Puran ) , सहित अन्य ग्रंथों में भी पूजा आराधना का उल्लेख और महत्व बताया गया है | सावन के 30 दिन भगवान शिव की विशेष आराधना के लिए प्रतिदिन भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए और ओम नमः शिवाय (
om namah shivay ) महामंत्र का जाप करना चाहिए |
इन ६ वस्तुओं का भगवान शिव की पूजा में कदापि न करें प्रयोग वरना भगवान शिव हो जायेंगे नाराज़ पूजा पाठ करते समय इस बात का भी विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए कि पूजा अर्चना विधि के दौरान किन चीजों का प्रयोग किया जाना चाहिए और किन का नहीं | विशेष रूप से सावन मास में भगवान शिव का अभिषेक करने के लिए गंगाजल ( Gangajal ) अक्षत गाय का दूध भांग धतूरा आदि वस्तुएं भगवान शिव को समर्पित की जाती हैं | लेकिन भगवान शिव की आराधना करते समय तुलसी के पत्ते ,हल्दी ,नारियल पानी और रोली का प्रयोग पूर्णतया वर्जित है | वही भगवान शिव का अभिषेक करते समय शंखनाद वर्जित है और ना ही शंख से भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है | पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव ने शंखचूड़ नामक राक्षस का वध किया था इसलिए उनकी पूजा में शंख का प्रयोग निषेध है | यह वह कुछ आसान उपाय हैं जिनका प्रयोग कर सावन मास में भगवान शिव की आराधना पूजा की जा सकती है और भगवान शिव की कृपा पाई जा सकती |