काशी और तमिल युवा समागम में शामिल छात्र-छात्राओं ने अयोध्या में भ्रमण कर कहा अयोध्या से जाना ईश्वर एक और हम सब उसी की संतान
काशी और तमिल संगमम् में अयोध्या के धार्मिक और आध्यात्मिक परिवेश ने सनातन धर्म का एक अलग ही रस घ़ोल दिया है,तमिलनाडु से आए डेलिगेशन ने जहां काशी में भोले बाबा और उनसे जुड़ी धार्मिकता से साक्षात्कार किया,तो वही अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के जन्म स्थल पर भव्य और दिव्य मंदिर निर्माण को देख भाव-विभोर हो गए,डेलीकेशन के सदस्यों ने धार्मिक जयघोष के बीच विराजमान रामलला स्थल पर नमन् किया और विधि-विधान से पूजा-अर्चना के साथ मार्मिक और रोमांचकारी क्षण व्यतीत किए.
अयोध्या से मिला जीवन की नई प्रेरणा
अयोध्या पहुंचे तमिल डेलिगेशन ने ऐतिहासिक हनुमानगढ़ी पर भी माथा टेका और इससे पहले दक्षिण भारत की परंपरा पर आधारित और भगवान राम सहित चारों भाइयों के नामकरण स्थल रामलला देवस्थान पर दर्शन पूजन के साथ ही भजन कीर्तन भी किया,जहां उन्हें गोष्ठी प्रसाद जिसमें खिरांन्न और खट्टा भात शामिल था, वितरित किया गया,अंत में प्रतिभागियों के समूह ने राम की पैड़ी पर सरयू के प्रवाह और सौंदर्य के बीच समय व्यतीत किया।डेलिगेशन के सदस्यों ने कहा भगवान राम हमारी संस्कृति की पहचान है और उनके जीवन प्रसंगों से हमें सामाजिक समरसता,नारी सशक्तिकरण और सत्य पर चलने की प्रेरणा मिलती है।
अयोध्या के प्रति आकर्षित हुए तमिल डेलिगेशन
देश को एक सूत्र में बांधने और श्रेष्ठ भारत एक भारत की कल्पना को साकार करने के लिए "तमिल काशी संगमम्"के प्रतिभागियों का काशी,प्रयागराज और फिर अयोध्या भ्रमण अपने उद्देश्य में सफलता अर्जित करता जा रहा है,आज अयोध्या में डेलिगेशन के एक मुस्लिम सदस्य ने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि अयोध्या आकर यह महसूस हुआ कि ईश्वर एक है और हम सभी उसकी संतान हैं,हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक जड़ें अयोध्या में है और मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम हमारी सनातन परंपरा के नायक है,प्रतिभागियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए यह भी कहा कि आज अयोध्या कर हमारे दिलों से उत्तर और दक्षिण का भेद मिट गया है और यह महसूस हो रहा है कि संपूर्ण भारत एक ही है,कहा कि तमिलनाडु जाकर हम यहां के आतिथ्य सत्कार और भगवान श्री राम की मर्यादा से मिली प्रेरणा का संदेश सभी लोगों को देंगे।