6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

राम जन्म भूमि के बगल इस मंदिर में झूलनोत्सव की अनोखी परंपरा, जानकर होंगे हैरान

अयोध्या में रंग महल, सद्गुरु सदन मंदिर में शुरू हुआ झूलनोत्सव शाम होते ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों गूँजने लगा मंदिर

less than 1 minute read
Google source verification
मंदिरों के गर्भगृह में पड़े सावन के झूले

मंदिरों के गर्भगृह में पड़े सावन के झूले

अयोध्या. सावन की शुरुआत के साथ अयोध्या के दो प्रमुख मंदिरों में भगवान के झूलों उत्सव का आयोजन भी प्रारंभ हो गया है। देर शाम आज भगवान श्री राम माता जानकी और तीनों भाइयों के साथ झूले पर विराजमान होंगे। इस दौरान इन मंदिरों में आज से उत्सव की परंपरा की शुरुआत हो रही है प्रतिदिन शाम होते ही भगवान के सामने तरह तरह के धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन भी किए जा रहे हैं।

गुरु पूर्णिमा से शुरू हुई झूलनोत्सव की परंपरा

राम नगरी अयोध्या में 8000 मंदिर है। जहां पर मंदिरों में अनोखी परंपरा निभाई जाती है। अयोध्याया वैसे तो भगवान श्री राम लला की जन्मस्थली है लेकिन यहां पर माताा जानकी केे भी उपासक मंदिर स्थित हैै जहां सखी संप्रदाय की परंपरा के मुताबिक पूजन अर्चन और उत्सव को मनाया जाता है आज सेेे उत्सव के साथ सावन माह की शुरुवात हुई है। और राज राम जन्मभूमि परिसर के निकट स्थित रंग महल और सरयू तट स्थित सद्गुरू सदन मंदिर में आज से भगवान राम व तीनों के साथ माता सीता भी विराजमान किया गया। और आज से एक माह तक इन मंदिरों में कजरी गीत, अन्य सांस्कृतिक आयोजन किया जाएगा।

मंदिरों के गर्भगृह में पड़े सावन के झूले

रंग महल के महंत राम शरण दास ने कहा कि आचार्यों की परंपरा का निर्वाह किया जा रहा है गुरु पूर्णिमा के मौके पर भगवान का जन्मोत्सव प्रारंभ होता है। वही कहा कि रंग महल सहित दो और स्थान ऐसे हैं जहां पर आज से झूलनोत्सव प्रारम्भ होता है। आज गुरु पूर्णिमा के मौके पर भगवान और माता सीता को शाम होते ही झूले पर विराजमान कराया गया। भव्य आयोजन के साथ सावन उत्सव की शुरुआत भी हो गई है। और पूरे माह गीत संगीत का आयोजन किया जाएगा।