
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं एवं नवजात शिशुओं के लिए शिशु मातृत्व एवं बालिका मदद योजना का शुभारम्भ किया गया हैं। इस योजना को मातृत्व शिशु एवं बालिका मदद योजना नाम दिया गया हैं। जिसके अंतर्गत गर्भवती महिलाओं को लाभ प्रदान किया जायेगा। इस योजना के तहत 1,05,82,162 रुपए अब तक श्रमिकों के खातों में भेजे जा चुके हैं।
बेटा होने पर 20 और बेटी के जन्म पर 25 हजार की सहायता
श्रम विभाग के अनुसार, योजना के तहत सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत पुरुष श्रमिक की पत्नी को बेटा पैदा होने पर 20,000 रुपए और बेटी होने पर 25,000 रुपए की धनराशि दी जा रही है। बोर्ड में पंजीकृत महिला श्रमिकों को लड़का या लड़की पैदा होने पर उन्हें भी यह धनराशि दी जा रही है।
इसके लिए उन्हें निर्धारित प्रारूप पर आवेदन करना होता है। पुरुष कामगार की ओर से आवेदन किए जाने पर उनकी पत्नियों को मातृत्व हितलाभ के रूप में 6000 रुपए की धनराशि दी जाती है। जो पहले दो किस्तों में दी जाती थी।
योजना का उद्देश्य
सरकार ने इस योजना की शुरुआत राज्य की उन महिलाओं के लिए किया है, जो गर्भवती हैं या जिनका प्रसव हुआ है या होने वाला है। इस योजना के अंतर्गत महिलाओं को प्रसव से पूर्व और प्रसव आराम देने के उद्देश्य से कुछ आर्थिक मदद दी जाती है। जिससे ऐसी अवस्था में माता के खान-पान का ध्यान रखा जा सके।
सिर्फ यही हैं पात्र
मातृत्व शिशु एवं बालिका मदद योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदक को उत्तर प्रदेश का मूल निवासी होना चाहिए। इस योजना का लाभ केवल अस्पताल में प्रसव होने की स्थिति में ही प्राप्त होता है। उत्तर प्रदेश श्रम बोर्ड में पंजीकृत होने पर ही इस योजना के लिए पात्र होंगे।बी आवेदन करने के लिए आवेदक की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। राज्य के श्रमिकों को पहले दो बच्चों पर ही इस योजना का लाभ दिया जाएगा।
आवेदन के लिए जरुरी दस्तावेज
आधार कार्ड
पहचान पत्र
श्रमिक कार्ड
शिशु का जन्म प्रमाण पत्र
चिकित्सा अधिकारी द्वारा दिया गया प्रसव प्रमाण पत्र
वैधानिक गोद प्रमाण पत्र
बैंक पासबुक की फोटोकॉपी
Published on:
29 Apr 2023 07:39 pm
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