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पति की डायलिसिस का दर्द देख नहीं पाई आकांक्षा, किडनी देकर बचाई जिंदगी

पति की किडनी खराब होने पर पत्नी ने अपनी एक किडनी देकर उसकी जान बचाई।

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जर्मनी के अस्पताल में भर्ती आकांक्षा यादव

जर्मनी के अस्पताल में भर्ती आकांक्षा यादव

कोविड संक्रमण के बाद एक युवती के पति की दोनों किडनी फेल हो गई। वह लगातार डयलिसिस पर हैं। जब पति का दर्द पत्नी से देखा नहीं गया तो उन्होंने अपनी एक किडनी पति को दान की।

आजमगढ़ की रहने वाली हैं आकांक्षा, बायोटेक मे रह चुकी हैं टॉपर
आकांक्षा यादव मूलरूप से आजमगढ़ की रहने वाली है। आकांक्षा इंटीग्रल यूनिवर्सिटी लखनऊ से बायोटेक मे टॉपर रह चुकी हैं। उनकी शादी डॉक्टर संदीप से हुई है। संदीप जर्मनी के डार्मस्टाट शहर में एसोसिएट प्रोफेसर पद पर कार्यरत हैं। शादी के बाद आकांक्षा भी पति के साथ जर्मनी चली गई। पति-पत्नी वहीं रहते हैं।

कोविड संक्रमण के बाद संदीप की दोनों किडनी हुई डैमेज
आकांक्षा के पति संदीप दो साल पहले पहली लहर में ही कोविड संक्रमित हो गए थे। संक्रमण तो ठीक हो गया लेकिन संदीप बीमार रहने लगे। जांच में पता चला कि उनकी दोनों किडनी डैमेज हो चुकी है। इसके बाद से पूरा परिवार परेशान था।

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डायलिसिस के सहारे जिंदा थे संदीप
किडनी डैमेज होने के कारण संदीप को असहनीय पीड़ा का सामना करना पड़ रहा था। डायलिसिस के भरोसे किसी तरह जीवन कट रहा था। पति को दयनीय स्थिति में देखना आकांक्षा के लिए आसान नहीं था। इसलिए उन्होंने किडनी डोनेट करने का फैसला किया।

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आकांक्षा ने बयां किया दर्द
आकांक्षा ने बताया कि उनके पति एक दर्दनाक जीवन जी रहे थे। वे नियमित डायलिसिस पर थे। इतनी कम उम्र में उन्हें जीवन के लिए संघर्ष करते देखना बहुत ही पीड़ादायक अनुभव था। वह अपनी छोटी सी दुनिया को बिखरते हुए देख सकती थी, जिसका सपना हमने अपनी शादी में देखा था। वह अपने पति को खोना नहीं चाहती थी। ऐसे में किडनी देने का फैंसला किया।