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UP assembly election 2022: बीजेपी ने साधा जातीय समीकरण, दो विधायकों का टिकट कटा, वंदना पर मेहरबानी

UP assembly election 2022 बीजेपी ने आजमगढ़, मऊ व बलिया के आधा दर्जन सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिये हैं। पार्टी ने इस दौरान जातीय समीकरण साधने की पूरी कोशिश की है। वहीं आजमगढ़ जिले के एक मात्र विधायक रहे अरूणकांत यादव व बलिया के बैरिया विधायक सुरेंद्र सिंह का टिकट काट दिया गया है। वंदना सिंह पर पार्टी मेहरबान दिखी है। अरविंद जायसवाल की दावेदारी को दरकिनार कर वंदना सिंह को सगड़ी से मैदान में उतारा गया है।

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प्रतीकात्मक फोटो

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क
आजमगढ़. UP assembly election 2022 यूपी विधानसभा चुनाव में पूर्वांचल फतह की तैयारी में जुटी बीजेपी ने टिकट बटवारे में जातीय समीकरण का पूरा ख्याल रखा है। आजमगढ़ में मुबारकपुर छोड़कर सभी सीटों पर पार्टी ने पत्ते खोल दिये हैं। जिले के एकमात्र विधायक अरूणकांत यादव का टिकट काटा दिया गया है तो सगड़ी में बसपा छोड़कर आयी विधायक वंदना सिंह को मौका दिया गया है। वहीं बलिया के बैरिया विधायक सुरेंद्र सिंह को भी पार्टी ने किनारे लगा दिया है जबकि योगी सरकार में मंत्री रही स्वाती सिंह के पति दयाशंकर सिंह को प्रत्याशी बनाया गया है। पार्टी ने दारा सिंह चौहान की सीट पर बिहार के राज्यपाल के भाई रामबिलास को मैदान में उतारा है।

बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने वर्ष 2017 में पूर्वांचल में बड़ी जीत हासिल की थी। पार्टी वर्ष 2022 में अपने उसी प्रदर्शन को दोहराना चाहती है। इसके लिए टिकट बटवारे में जातीय समीकरण साधने की पूरी कोशिश हो रही है। रविवार की रात पार्टी ने आजमगढ़ मंडल के तीनों जिलों में लगभग स्थिति साफ कर दी है। मंत्री स्वाति सिंह के पति दयाशंकर सिंह को पार्टी ने बलिया नगर से प्रत्याशी बनाया है। जबकि योगी सरकार के मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला को अब बैरिया से उम्मीदवार बनाया गया है। बलिया के बैरिया विधायक सुरेंद्र सिंह का टिकट काट दिया गया है। बैरिया विधायक अपने विवादित बयानों के लिए पिछले पांच साल चर्चा में रहे थे।

भाजपा छोड़ सपा में गए मंत्री दारा सिंह चौहान की खाली सीट पर रामविलास चौहान को मौका मिला है। रामविलास चौहान बिहर के राज्यपाल फागू चौहान के भाई हैं। पार्टी ने यह फैसला मऊ जनपद में चौहान मतों की बाहुलता को देखते हुए लिया है। इसे पार्टी के बड़े दाव के रूप में देखा जा रहा है। वहीं आजमगढ़ जिले की फूलपुर पवई सीट से बीजेपी के एक मात्र विधायक रहे अरुणकांत यादव को भी पार्टी ने किनारे लगा दिया है। चुंकि सपा ने उनके पिता रमाकांत यादव को इसी सीट से प्रत्याशी बनाया है इसलिए बीजेपी ने अरूणकांत के स्थान पर पुराने नेता रामसूरत राजभर को मैदान में उतारा है। रामसूरत के जरिये पार्टी राजभर मतदाताओं को साधने की कोशिश भी करेगी।

इसी तरह सगड़ी में अरविंद जायसवाल सहित कई पुराने दावेदारों की दावेदारी दरकिनार कर पार्टी ने बसपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए वंदना सिंह को प्रत्याशी बनाया है। जिले की एक मात्र सीट मुबारकपुर में पार्टी ने अब तक कोई निर्णय नहीं लिया है। पहले माना जा रहा था कि पार्टी मुबारकपुर सीट से सवर्ण नेता एमएलसी यशवंत सिंह को मैदान में उतार सकती है लेकिन जिस तरह से वंदना सिंह को मैदान में उतारा गया है उसके बाद चर्चा है कि मुबारकपुर सीट किसी पिछड़ी जाति के नेता के खाते में जा सकती है। यहां से दुर्ग विजय यादव, लक्ष्मण मौर्य सहित कई नेता दावेदारी कर रहे हैं।