बता दें कि बीजेपी इस समय विपक्ष की घेरेबंदी से परेशान है। यूपी में सपा बसपा, कांग्रेस, इसी तरह अन्य राज्यों में कांग्रेस छोटे दलों के साथ गठबंधन करने का प्रयास कर रही है तो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री
ममता बनर्जी गैर भाजपा, गैर कांग्रेसियों को एकजुट कर थर्ड मोर्चा बनाने का प्रयास कर रही है। ऐसे में बीजेपी के लिए 2019 का चुनाव आसान नहीं है। सांसदों के प्रति आम आदमी की नाराजगी भी बीजेपी की मुसीबत बढ़ा रही है।
बीजेपी नेतृत्व को इस बात का एहसास है कि सत्ता की राह अब उनके लिए आसान नहीं है। इसलिए बीजेपी ने एक तीर से दो शिकार का फैसला किया है। उसके लिए माध्यम बनाया गया है आयुष्मान भारत योजना को। इस योजना के तहत आजमगढ़ में छह लाख लोगों का चयन किया गया है। योजना का लाभा पाने वाला व्यक्ति प्रति वर्ष 5 लाख तक का निःशुल्क उपचार करा सकेगा।
इसी योजना से बीजेपी ने जनता के दिल में उतरने का प्लान बनाया है। योजना के तहत 30 अप्रैल से 05 मई तक अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत एक तरफ सरकारी अमला एएनएम, आशा और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी चयनित लोगों के घर जाकर बता रहे हैं कि आपका चयन इस योजना में हुआ है और आपकों प्रति वर्ष 5 लाख रूपये तक का उपचार फ्री मिलेगा।
वहीं भाजपाई गांव गांव जाकर चयनित लोगों के साथ बैठक कर रहे हैं। उन्हें न केवल इस योजना का लाभ समझा रहे हैं बल्कि यह भी बता रहे है कि किस तरह पीएम मोदी गांव की तस्वीर बदलने के लिए प्रतिबद्ध है। इसका बीजेपी को फायदा मिलता दिख रहा है। कारण कि ग्रामीण इस योजना से काफी उत्साहित है।
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि योजना का लाभ कब मिलेगा यह कह पाना संभव नहीं है कारण कि अभी यह फैसला भी नहीं हुआ है कि बीमा किस कंपनी से होगा अथवा किन अस्पतालों में यह सुविधा मिलेगी लेकिन सरकार को इस योजना से प्रचार खूब मिल रहा है। जिस तरह से कार्यक्रम चल रहा है बीजेपी को लोकसभा चुनाव में फायदा होगा। उसका पांच से सात प्रतिशत वोट बढ़ सकता है जैसा कि उज्ज्वला योजना के आने के बाद हुआ था।