जेई का मरीज सर्व प्रथम 1955 में तमिलनाडु में पाया गया। वर्तमान में इसका प्रकोप पूर्वी उत्तर प्रदेश, असम, आन्ध्रप्रदेश, बिहार, गोवा, कर्नाटक, मणिपुर, मध्यप्रदेश, पाण्डिचेरी, वेस्ट बंगाल आदि प्रदेशों में देखने को मिल रहा है। पूर्वी उत्तरप्रदेश में गोरखपुर में इसका प्रकोप सबसे अधिक देखने को मिलता है। वर्तमान वर्ष में इस जिले में एक मरीज की पुष्टि हो चुकी है।