बता दें कि अहरौला थाना क्षेत्र के पारा गांव निवासी इंद्रपाल मौर्या मंगलवार को अपनी पत्नी शकुंतला मौर्या के साथ बाइक से शाहगंज दवा लेने के लिए गए थे। दवा लेने के बाद लगभग तीन बजे उन्होंने घर फोन कर बताया कि वे घर के लिए निकल रहे हैं। देर शाम तक जब वह घर नहीं पहुंचे तो परिजनों ने उनके मोबाइल पर संपर्क करना शुरू किया। काफी प्रयास के बाद रात 9.45 बजे फोन उठा तो इंद्रपाल ने बस इतना ही कहा कि वो बड़ी मुसीबत में है। इसके बाद फोन कट गया था। परिजन अनहोनी की आशंका में तहरीर लेकर अहरौला थाने पहुंचे तो एसओ ने मुकदमा नहीं दर्ज किया। इसके बाद इंद्रपाल के भतीजे प्रदीप कुमार मौर्या ने आजमगढ़ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्या से शिकायत की तब कहीं जकर 24 घंटे बाद मुकदमा दर्ज हुआ।
प्रदीप ने तहरीर में आरोप लगाया था कि अहरौला थाना क्षेत्र के पक्खनपुर गांव निवासी मकरंदा सिंह, उनके भाई नगीना सिंह व नगीना की पत्नी ने भूमि विवाद के चलते दंपत्ति का अपहरण किया है। एसपी के आदेश के बाद तीनों को बुधवार को नामजद किया गया लेकिन आरोपियों को नहीं पकड़ा गया। गुरुवार को ग्रामीणों ने थाने का घेराव किया और कुछ ही घंटे बाद दंपत्ति का शव सड़क किनारे पाया गया। इस घटना से लोगों में काफी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि यदि अहरौला थाने की पुलिस अपहरण की सूचना मिलते ही सक्रिय हो जाती तो शायद दंपत्ति की जान बच गई होती। भतीजे प्रदीप का आरोप है कि एसओ अहरौला को उन्होंने घटना वाले दिन ही सूचना दी। लिखित तहरीर भी दी गई लेकिन अहरौला पुलिस ने जांच-पड़ताल करना तो दूर मुकदमा दर्ज करने से इंकार करते हुए उन्हें बैरंग भेज दिया। ग्रामीणों ने अहरौला थाना पुलिस पर लापरवाही बरतने व अपराधियों से मिली भगत होने का भी आरोप लगाया है।