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रंग लाई सांसद निरहुआ की मेहनत, चार माह में शुरू होगा वाराणसी-आजमगढ़-गोरखपुर रेलखंड का काम

आजमगढ़ के नवनिर्वाचित सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ का प्रयास रंग लाया। रेलमंत्री अश्वनी वैष्णव को जैसे पता चला कि सर्वे के बाद भी वाराणसी-आजमगढ़-गोरखपुर रेलखंड की फाइल दबी है। उन्होंने आश्वासन दिया कि अगले चार महीने के भीतर नई रेल लाइन बिछाने का काम शुरू हो जाएगा। ऐसा हुआ तो आजमगढ़ ही नहीं बल्कि आस पास के जिलों में भी विकास के दरवाजे खुल जाएंगे।

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रेलमंत्री से मुलाकात करते सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ

रेलमंत्री से मुलाकात करते सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
आजमगढ़. फिल्म स्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ ने राजनीति में आने से पहले एक गीत लिखा था कि कोई नहीं किया उसे कर के दिखाएंगे। अब सांसद बनने के बाद वे इसे चरितार्थ करते दिखाई दे रहे है। सांसद निरहुआ के प्रयास से आजमगढ़ ही नहीं बल्कि आसपास के जिले के लोगों को भी खुश होने का मौका मिल गया है। कारण कि रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव के पास आर्शीवाद लेने पहुंचे निरहुआ ने जब वाराणसी-आजमगढ़-गोरखपुर रेलखंड की मांग रखी और बताया कि कैसे सर्वे के बाद भी आजतक काम शुरू नहीं हुआ तो रेलमंत्री ने इसे गंभीरता से लेते हुए चार माह में काम शुरू कराने का आश्वासन दिया। दिनेश लाल यादव भले ही वर्ष 2024 की जमीन तैयार कर रहे हों, लेकिन उनके प्रयास से सभी के चेहरे खिल उठे हैं।

बता दें कि वाराणसी-आजमगढ़-गोरखपुर रेलखंड की मांग चार दशक से चल रही है। वर्ष 1975 में रेलमंत्री बनने पर कमलापति त्रिपाठी ने सबसे पहले इसके लिए सर्वे कराया था लेकिन बाद में यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया। इसके बाद मोदी सरकार ने अपने पिछले बजट में फिर इसके सर्वे के लिए बजट दिया था लेकिन काम आगे नहीं बढ़ पाया। उपचुनाव में निरहुआ ने वादा किया था कि अगर वे चुनाव जीतते हैं तो यह काम उनकी पहली प्राथमिकता होगा।

सांसद बनने के बाद पार्टी के बड़े नेता और मंत्रियों से आर्शीवाद लेने के लिए बुधवार को दिल्ली पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी, नितिन गड़करी, धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात किये। इसके बाद वे सांसद मनोज तिवारी के साथ रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव के पास पहुंचे। उन्होंने रेलमंत्री से आर्शीवाद स्वरूप वाराणसी-आजमगढ़-गोरखपुर के बीच नई रेल लाइन देने की मांग की। उक्त प्रोजेक्ट पर सर्वे के बारे में जानकारी दी।

बताया कि वाराणसी-आजमगढ़-गोरखपुर वाया लालगंज, मुबारकपुर, दोहरीघाट, सहजनवा सीधा रेलखंड बनाया जाना है। इसका सर्वे भी हो चुका है। ट्रैक सीधी बिछी तो यात्रा आसान होगी। ट्रेनों का ट्रैफिक खुद से बढ़ जाएगा। गोरखपुर से सहजनवा तक तो रेल लाइन बिछ भी चुकी है, जिसे आजमगढ़ से एक नई लाइन बिछाकर जोड़ने की जरूरत है। ट्रेन सुविधा हुई तो आजमगढ़ पूर्वांचल की आर्थिक राजधानी बन सकती है।

फोन पर हुई बातचीत में निरहुआ ने बताया कि नई रेल लाइन बनने के बाद वाराणसी और गोरखपुर की औसतन दूरी 100 किमी होगी। अभी यहां की यात्रा में पांच से छह घंटे लगते है। नए रेल खंड के बाद यात्रा सवा घंटे में पूरी होगी। रेल परिवहन मजबूत होगा तो आजमगढ़ का विकास ट्रैक पर खुद से रफ्तार भरने लगेगा। दोनों ही रेलवे जंक्शन नजदीक होंगे तो दिल्ली, कोलकाता, मुंबई का सफर आजमगढ़ के लोगों के लिए आसान हो जाएगा। उन्होंने बताया कि रेलमंत्री ने आश्वासन दिया है कि चार माह में काम शुरू हो जाएगा।

रेलवे परमर्शदात्री समिति पूर्वोंत्तर रेलवे के पूर्व सदस्य सुरेश शर्मा का कहना है कि यह एक बहुप्रतिक्षित योजना है। इसके मूर्तरूप लेते ही विकास के दरवाजे खुल जाएंगे। वहीं रेलवे स्टेशन परामर्श दात्री समिति के सदस्य एसके सत्येन का कहना है कि यह रेलखंड पहले से प्रस्तावित है, लेकिन खर्चीला होने के कारण रेलवे ठंडे बस्ते में डाले हुई थी। आजमगढ़ के लोगों ने जिस उम्मीद से दिनेश लाल यादव को जिताया है, वह सफल होता दिखने लगा है।