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Kaanwar Yatra 2022: सिर पर मुस्लिम टोपी और कंधे पर कांवड़ लेकर महादेव के दर्शन करने निकले बाबू खान, 2019 में हमले को लेकर थे सुर्खियों में

उत्तर प्रदेश के बागपत में मुस्लिम कांवड़ उठाकर सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की सीख दे रहे हैं। जिले में बाबू खान गंगा मैया से स्नान करने के बाद पूजा पूजा-अर्चना की और कांवड़ में गंगा जल रखकर बागपत के पुरा महादेव मंदिर के लिए रवाना हो गए।

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Babu Khan

एक ओर देश में काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद का विवाद पूरे देश में गरमाया हुआ है, तो वहीं दूसरी ओर कांवड़ यात्रा के दौरान हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल देखने को मिली। उत्तर प्रदेश के बागपत में मुस्लिम कांवड़ उठाकर सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की सीख दे रहे हैं। जिले में बाबू खान गंगा मैया से स्नान करने के बाद पूजा पूजा-अर्चना की और कांवड़ में गंगा जल रखकर बागपत के पुरा महादेव मंदिर के लिए रवाना हो गए। बाबू खान के सिर पर मुस्लिम टोपी और कंधे पर कांवड़ देखकर लोग हैरान हैं। हालांकि, यह उनके लिए नई बात नहीं है।

सिर पर मुस्लिम टोपी और कंधे पर कांवड़ लेकर बागपत के गांव रंछाड़ निवासी बाबू खान मुजफ्फरनगर के पुरकाजी पहुंच चुके हैं। इससे पहले वह गंगा मैया में पूजा-अर्चना के बाद कांवड़ में गंगा जल रखकर बागपत के पुरा महादेव मंदिर के लिए रवाना हो चुके हैं। बाबू खान शुरू से ही हिंदू धर्मों को मानते हुए आए हैं। वह घर में शिव पूजा भी करते हैं। इसको लेकर उनके घर में विवाद भी हो चुका है। 29 सितंबर 2019 को वह घर में भगवान शिव की पूजा कर रहा था। इसी दौरान परिवार के चार लोगों ने उस पर लाठी-डंडों व धारदार हथियारों से हमला कर दिया था। घायल होने पर बाबू खान को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

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सभी धर्मों का करना चाहिए सम्मान

बाबू खान का कहना है कि इस्लाम हमें सभी धर्मों का सम्मान करना सिखाता है। वह सुबह पांच बजे गांव की मस्जिद में नमाज पढ़ते हैं और फिर शिव मंदिर पर जाकर साफ-सफाई करते हैं। बाबू खान का कहना है, मैंने इस्लाम धर्म नहीं छोड़ा है, सिर्फ कांवड़ लाने में आस्था है। इसलिए हर साल कांवड़ लेने के लिए हरिद्वार आता हूं।