
बागपत। यमुना खादर क्षेत्र में यूपी और हरियाणा के किसानों के बीच सीमा विवाद रुकने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला बागपत कोतवाली क्षेत्र का है। जहां के काठा गांव के माझरा नंगला बहलोलपुर व हरियाणा के खुर्रम पुर गांव के बीच करीब 12 सौ बीघा जमीन को लेकर लंबे समय से विवाद चला आ रहा है। यह विवाद न्यायालय में पहुंचा लेकिन वहां भी नगला बहलोलपुर के किसानों को ही जमीन पर कब्जा मिला। आरोप है कि इसके बावजूद भी हरियाणा के किसान यहां के किसानों की फसल काट ले जाते हैं और यहां के किसानों के साथ मारपीट करते हैं।
बताया जा रहा है कि 10 अप्रैल से यमुना खादर में गेहूं की कटाई को लेकर तनाव शुरू हो गया था। आरोप है कि 13 अप्रैल को यमुना खादर में हरियाणा के किसान पुलिस बल के साथ पहुंचे थे और गेहूं की फसल काट ले गए। इसके बाद जिन खेतों से कटाई नहीं आ रही थी, उन्हें छोड़ दिया गया। आरोप है कि अब गुरुवार शाम उन खेतों की कटाई करने के लिए फिर से हरियाणा के किसान भारी पुलिस बल के साथ यमुना खादर पहुंचे और गेहूं की कटाई शुरु कर दी। वहां पर मौजूद नंगला बहलोल पुर गांव के किसानों ने इसका विरोध किया तो उन्हें वहां से भगा दिया गया। इसके बाद गांव से अन्य किसान महिलाएं व बच्चे भी वहां पहुंच गए लेकिन भारी पुलिस बल के सामने उनकी एक न चली और उन्हें अपने खेतों से वापस लौटना पड़ा।
आरोप है कि नंगला बहलोलपुर गांव के किसानों ने गेहूं काट रही मशीनों को रुकवाने का प्रयास किया था। लेकिन पुलिस ने किसानों को धमकी देते हुए वहां से भगा दिया। किसानों ने ईस्टर्न पेरीफेरल पहुंचकर इसका विरोध भी जताया और बागपत पुलिस अधिकारियों को भी सूचना दी। आरोप है कि उनकी किसी ने एक नहीं सुनी। किसान केवल खड़े होकर अपनी फसल को चोरी होता देखते रहे और हरियाणा के लोग मशीन के द्वारा गेहूं की फसल काटकर ले गए।
एसडीएम राजपाल सिंह ने मामले में जानकारी देते हुए बताया कि जनपद के कुछ लोगों की शिकायत प्राप्त हुई है। इनका मामला कोर्ट में विचारधीन है। वहीं जो फसल काटने का मामला है, किसानों की शिकायत पर हरियाणा प्रशासन से बातचीत की जा रही है। उसके अनुसार विधिवत कार्रवाई की जाएगी।
Updated on:
24 Apr 2020 03:58 pm
Published on:
24 Apr 2020 02:17 pm
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