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दादी की दिखाई राह से महिमा ने भरी सफलता की उड़ान, गांव के सरकारी स्कूल में पढ़कर बनी आईएएस

छात्रा महिमा तोमर का कहना है कि उनको हमेशा अपनी दादी से पढ़ाई के लिये हौसला मिला है।

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बागपत. उत्तर प्रदेश के बागपत जिले की महिमा चौधरी ने दादी के संस्कारों और हौसलों से आज आईएएस बनकर सफलता पाई है। जब कभी पढ़ाई की ओर से मन भटका तो दादी ने ही उसको राह दिखाई, बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद और स्नेह बच्चों के कितना मायने रखता है यह साबित किया है आईएएस महिमा ने...।

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क्रांतिकारियों की कहानी से भरा हुआ है बिजरौल

यूपी के बागपत जिले के बिजरौल गांव यू तो क्रांतिकारियों की कहानी से भरा हुआ है। 1857 की क्रांति हो या नेताजी सुभाषचंद्र बोस के साथ देश की आजादी के लिए सेना में शामिल होना, यहां के लोगों ने देश की सेवा की है। देश भर में शुक्रवार को देर रात आये यूपीएससी के नतीजों में इस बार 761 परीक्षार्थी पास हुए है जिसमें 216 महिलायें भी हैं। 216 महिलाओं में एक छात्रा बागपत जिले के बिजरौल गांव से भी है, जिसने 634वीं रेंक हासिल कर परीक्षा पास कर बागपत जिले का नाम रोशन किया है।

दादी ने बढ़ाया हौसला- महिमा

छात्रा महिमा तोमर का कहना है कि उनको हमेशा अपनी दादी से पढ़ाई के लिये हौसला मिला है। जब कभी परीक्षा के नतीजों से उनको असफलता मिली दादी ने ही उसका हौसला बढ़ाया। दादी के आशीर्वाद और स्नेह से ही वह आईएएस की परीक्षा पास कर पाई है।

गांव के सरकारी स्कूल से पढ़कर बनी आईएएस

महिमा ने गांव के ही सरकारी स्कूल से प्रारम्भिक शिक्षा पाई है। इसके अलावा एमआईटी मेरठ से बीटेक किया है। आरबीआई नाबार्ड के स्टेज तक भी पहुंची। बीटेक के बाद तीन स्थानों पर सेलेक्शन हुआ। एक स्थान पर नौकरी करते हुए चार बार में आईएएस के लिए सफलता पाई है।

सांसद ने दिया सम्मान

यूपीएससी परीक्षा में 634वीं रैंक हासिल करने वाली बिजरौल गांव की महिमा का रविवार को सांसद डॉ. सत्यपाल सिंह व देशखाप ने सम्मान किया और को आशीर्वाद दिया।

BY: KP Tripathi

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