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आखिर मूंगफली का मालिक कौन?

- सहकारी समिति प्रबंधन ने किया इनकार, मंडी प्रशासन मौन- छुट्टी के दिन सैकड़ों बोरियों के खरीद केन्द्र के बनवाए थे गेटपास- जिम्मेदार कर रहे अनदेखी

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आखिर मूंगफली का मालिक कौन?

आखिर मूंगफली का मालिक कौन?

चौमूं. पहले बिना गेट पास मूंगफली खरीदने का सामने आया था, लेकिन अब पिछले रविवार को तीन-चार पिकअप गाडिय़ों में सैकड़ों बोरी मूंगफली को कुछ लोगों ने अलग-अलग किसानों के नाम मंडी कार्मिक से खरीद केन्द्र के नाम से गेट पास बनवा लिए, लेकिन क्रय विक्रय सहकारी समिति प्रबंधन इस माल के बारे में अनभिज्ञता प्रकट कर रहा है तो मंडी प्रशासन भी मौन साधे बैठा है।

सूत्रों की मानें तो राजफैड के आदेश पर कृषि अनाज मंडी परिसर स्थित किसान विश्राम केन्द्र और दुकान पर क्रय-विक्रय सहकारी समिति की ओर से समर्थन मूल्य पर मूंग व मूंगफली की खरीद की जा रही है, लेकिन पूर्व में खरीद केन्द्र प्रबंधन ने अनिवार्यता के बावजूद बिना गेट पास के एक लाख अठारह सौ रुपए की मूंगफली खरीदी थी। बाद में मंडी प्रशासन द्वारा गेट पास जारी नहीं करने पर संबंधित किसान का बिल राजफैड से निरस्त करवा दिया था। इसके बाद किसान स्वेच्छा से वापस ले गया बताया।


पिकअप गाडिय़ों में आई सैकड़ों बोरी

सूत्रों की मानें तो 8 दिसम्बर को रविवार को होने के कारण मंडी में बोली नहीं लगती और न ही समर्थन मूल्य की खरीद होती है। इसी दिन दिनभर में करीब 20-25 किसानों के नाम से तीन-चार पिकअप गाडिय़ों में सैकड़ों बोरी मूंगफली आई और कार्मिक से गेटपास बनवाए गए। खास बात ये है कि दूरदराज गांवों से मूंगफली लाने वाली तीन-चार पिकअप गाडिय़ों के नम्बर ही गेटपास पर लिखे हुए हैं, जबकि किसानों के नाम व मोबाइल नम्बर अलग-अलग हैं। यानि पिकअप गाडिय़ां नहीं बदली गईं। सूत्रों की मानें तो 8 दिसम्बर के बाद से अब तक माल समर्थन मूल्य पर बिका नहीं है, जबकि गेटपास खरीद केन्द्र के नाम से काटे गए हैं। आखिर मूंगफली किसकी हैं। सूत्रों की मानें तो बोरियों का बारदाना भी एक जैसा है और माल भी एक जैसा है। इससे कई सवाल उठ रहे हैं।


आखिर ऐसा करने में परेशानी क्या?

क्रय-विक्रय सहकारी समिति चौमूं की ओर से मंडी प्रशासन को ऑनलाइन पंजीकृत किसानों की सूची रोजाना उपलब्ध क्यों नहीं करवाती, जिससे वास्तविक किसान ही माल लेकर आ सके और गड़बड़ी की आशंका पर रोक लग सके। खरीद केन्द्र पर आने वाले जिंसों की निर्धारित गुणवत्ता जांचने की व्यवस्था के लिए जिम्मेदार कार्मिक तैनात रहें, जिससे कम गुणवत्ता वाले जिंसों को खरीदने से बचा जा सके। सीसीटीवी कैमरे जरूरी लगाए जाएं। राजफैड को भी इस मामले में दखल देनी चाहिए।

इनका कहना है...
मंडी समिति के कार्मिक ने गेटपास काटे हैं। वही बता सकते हैं कि गेटपास किसने कटवाए थे। रविवार को हमारे खरीद केन्द्र पर कोई मूंगफली नहीं आई हैं। यदि कोई भी व्यक्ति गेटपास कटवाकर मंूगफली की बोरियां खरीद केन्द्र के पास रखवा देगा तो हमारी जिम्मेदारी थोड़ी होगी।

सुरेन्द्र कुमार यादव, मुख्य व्यवस्थापक
क्रय-विक्रय सहकारी समिति चौमूं

इनका कहना है

इसकी शिकायत मिलने पर या तथ्यात्मक जानकारी मिलने पर मामले की गहनता से जांच करवाई जाएगी।
हिम्मतसिंह, एसडीएम चौमूं

इनका कहना है

8 दिसम्बर को तीन-चार पिकअप गाडिय़ों में मूंगफली की बोरियां कुछ लोग लाए थे, जिनके विभिन्न किसानों के नाम से गेटपास खरीद केन्द्र के नाम से कटवाए गए थे।
रामहंस मीणा, सचिव, कृषि उपज मंडी समिति चौमूं