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आलीसर का नाम कांडला बंदरगाह पर भी है लिखा, आंवला ग्राम के नाम पर बनी अन्तरराष्ट्रीय पहचान

आस्था का केंद्र है बाबा भूदर दास मंदिर, शिक्षा व चिकित्सा विभाग मे कई सरकारी कर्मचारी

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आलीसर का नाम कांडला बंदरगाह पर भी है लिखा, आंवला ग्राम के नाम पर बनी अन्तरराष्ट्रीय पहचान

आलीसर में बनी छतरी

हस्तेडा (जयपुर). चौमंू से 20 किलोमीटर दक्षिण मे हस्तेड़ा - चौमंू मार्ग पर स्थित ग्राम आलीसर ने पिछले दो दशक में अपने नाम की एक अलग ही पहचान बनाई है। इस गांव को विश्व का पहला आंवला ग्राम भी घोषित किया गया। इसका नाम संबंधी बोर्ड कांडला बंदरगाह पर भी लगाया गया है। सरकार के उद्यान विभाग ने करीब 150 आंवला के बगीचे लगाए गए हैं। यहां के लोगों का मुख्य मुख्य व्यवसाय खेती दुग्धपालन व सब्जी उत्पादन है। गांव की आबादी 8000 के करीब है। यहां पर पानी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। लोग बूंद-बूंद सिंचाई योजना का फव्वारा पद्धति से खेती करते हैं।

आस्था का केंद्र है बाबा भूदर दास का धूणा

गांव के बीच में स्थित बाबा भूदरदास तपोस्थली है। जानकारी के अनुसार यहां करीब सैकड़ों वर्षो पूर्व एक संत बाबा भूदर दास ने यहां धूणा डालकर तप किया था, जहां आज भी प्राचीन धूणा स्थित है। गांव समेत आस-पास क्षेत्र के लोग धूणा के सामने शीश झुकाते हैं। हर नए कार्यक्रम की शुरुआत ग्रामीण इसी मंदिर से करते हैं। गांव वालों के अनुसार आज तक ग्राम बाबा की कृपा के चलते ओलावृष्टि नहीं हुई है। पिछले 45 वर्षों से पर्यावरण शुद्धि के लिए पंच कुंडीय यज्ञ का आयोजन भी किया जाता है। लोगों की आस्था इतनी है कि बाबा के मेले के दिन पूरे गांव क्षेत्र के कुएं नहीं चलाए जाते हैं।

शिक्षा व चिकित्सा क्षेत्र में भी पहचान

गांव के युवाओं में शिक्षा के प्रति रूझान बढ़ा है। यहां के युवा प्रतियोगी परीक्षाओं में भी सफल हो रहे हैं। यहां सबसे ज्यादा शिक्षा विभाग व चिकित्सा विभाग में है। यहां के दीपचंद बुनकर उप निदेशक, शिक्षा विभाग तथा बनवारी लाल बुनकर मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी गोविन्दगढ़ में कार्यरत हैं। विभिन्न समाजों के करीब एक दर्जन से भी अधिक चिकित्सक कार्यरत हैंं।

आधुनिकता से युक्त है गांव

गांव में संपूर्ण प्रकार की आधुनिक विलासिता के सामान सभी घरों में उपलब्ध है। लोगों के पास लग्जरी गाडिय़ां व एसी फ्रिज, कूलर सहित विलासिता के सामान उपलब्ध हैं। शायद ही गांव में ऐसा कोई घर नहीं है, जहां दुपहिया वाहन ना हो। गांव के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि उत्पादन है। 24 घंटे बिजली, पानी आपूर्ति चिकित्सालय की समुचित व्यवस्था है।

यह है सरकारी विभाग
गांव में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, राजकीय पशु चिकित्सा केंद्र, पंचायत भवन, दूध संकलन केंद्र, आंगनबाड़ी केन्द्र आदि संचालित हैं।