
Appreciation of the work of Asha workers of Rajasthan being abroad
जयपुर. अल्प मानेदय मिलने के बावजूद जान की परवाह किए बिना कोरोना महामारी के दौरान कोरोना योद्धा की भूमिका निभाने वाली आशा सहयोगिनियों ने मंगलवार को जगह-जगह चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को मुख्यमंत्री एवं महिला व बाल विकास मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर मानदेय समेत विभिन्न मांगों को पूरा करने की मांग की है।
आशा सहयोगिनियों ने ज्ञापनों में बताया है कि 2 विभागों में एनएचएम व महिला व बाल विकास में कार्यरत आशा सहयोगिनी कोविड-19 की महामारी में लॉकडाउन में केन्द्र व राज्य के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन की पालना करते हुए पूरी मेहनत लगन के साथ अपने परिवार से दूरी बनाकर आमजन को इस महामारी से बचने के लिए प्रतिदिन घर-घर जाकर सर्वे और प्रति व्यक्ति संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ज्ञापन में आशा सहयोगिनियों मांग करते हुए एनएच एम स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की भर्ती में आशाओं के लिए 25त्न आरक्षण काउंसलिंग से पहले दिया जाए। आशा सहयोगिनी को पद पर रहते हुए भर्ती ट्रेनिंग का लाभ दिया जाए और चयन होने के बाद भी पद पर ही रखा जाए। ज्ञापन में आशा सहयोगिनी को बीएड, बीए, बीएससी, बीएससी या कोई अन्य कोर्स करने के लिए पद पर रखने की अनुमति भी दी जाए।
यह भी बताया कि आशा सहयोगिनियों पर जो दबाव बनाकर विभाग द्वारा जो बिना निर्देशों के कार्य कराया जाता है, उन कार्यों की कोई राशि नहीं दी जाती है। उन कार्यों की राशि दिलाने के लिए आदेशित किया जाए।
उच्च कुशल कार्य का दिया जाए लाभ
ज्ञापन में बताया कि सरकार द्वारा थर्ड ग्रेड कर्मचारियों को 23700 रुपए मासिक मानदेय दिया जाता है। आशा सहयोगिनी को भी श्रम विभाग एक्ट उच्च कुशल कार्य का लाभ दिया जाए। आशा सहयोगिनी को रिटायर होने के बाद पेंशन का लाभ दिया जाए। आशा सहयोगिनी सुमित्रा यादव व सरोज कंवर ने बताया कि राज्य सरकार ने शीघ्र आशा सहयोगिनी की मांग नहीं मानी तो दोनों विभागों के कार्यों का बहिष्कार किया जाएगा।
Updated on:
14 Oct 2020 12:19 am
Published on:
14 Oct 2020 12:08 am
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