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सामान्य किसान परिवार में जन्मी बांदीकुई एसडीएम पिंकी मीणा, महिलाओं की बनी आइकन

पहली परीक्षा में उत्तीर्ण कर ली थी आरएएस की परीक्षा, चौमूं के चीथवाड़ी गांव की रहने वाली हैं, सफलता का श्रेय देती हैं भाइयों को

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सामान्य किसान परिवार में जन्मी बांदीकुई एसडीएम पिंकी मीणा, महिलाओं की बनी आइकन

सामान्य किसान परिवार में जन्मी बांदीकुई एसडीएम पिंकी मीणा, महिलाओं की बनी आइकन

जयपुर/चीथवाड़ी. मध्यम एवं साधारण परिवार में पली बढ़ी चीथवाथी निवासी पिंकी मीणा क्षेत्र की महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है। पिंकी ने विपरीत परिस्थितियों में पढ़-लिखकर राज्य प्रशासनिक अधिकारी में चयनित होकर परिवार का ही नहीं बल्कि अपने गांव को गौरवान्वित किया। वर्तमान में चीथवाड़ी गांव की यह बेटी बांदीकुई में उपखंड अधिकारी के पद पर कार्यरत है। एसडीएम मीणा ने बताया कि सामान्य किसान परिवार से ताल्लुक रखती हैं। प्रारंभिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा सरकारी शिक्षण संस्थान में पूर्ण की है।
खेतीबाड़ी व पशुपालन में हाथ बंटाया
पिंकी बताती हैं कि पढ़ाई के साथ खेतीबाड़ी और पशुपालन में भी माता-पिता का हाथ बंटाते हुए अध्ययन जारी रखा। पिता रामचंद्र मीणा किसान व माता सुआ देवी गृहिणी हैं। पिंकी के सबसे बड़े भाई आरजेएस व दो भाई शिक्षा विभाग में कार्यरत हैं। बड़े भाइयों की प्रेरणा से वह मुकाम हासिल करने में सफ ल हो पाईं।
बचपन से हैं पढ़ाई में होनहार
एसडीएम मीणा के बड़े भाई मदन मीणा ने बताया पिंकी शुरू से ही पढ़ाई में होनहार थी। घरेलू व खेतीबाड़ी के कार्यों में हाथ बंटाते हुए उसने आरएएस बनने का सपना पूरा किया। वह आठ-दस साल की उम्र से ही खेती-बाड़ी में परिवार का हाथ बंटाती थी।

कम उम्र हुआ था चयन

एसडीएम मीणा ने बताया कि 12 वीं तक विज्ञान फिर बीए करते ही पहली बार में आरएएस परीक्षा उत्तीर्ण कर ली थी, लेकिन निर्धारित २१ साल की नहीं होने के कारण साक्षात्कार नहीं दे पाई थीं। इसके बाद वर्ष 2016 में राजस्थान प्रशासनिक सेवा परीक्षा में अपने वर्ग से टॉप करने का लक्ष्य हांसिल किया। पहली पोस्टिंग में एसडीएम के रूप में टोंक जिले से सेवाएं शुरू की। पिंकी ने बताया कि अन्य महिलाओं व बालिकाओं को भी लक्ष्य अर्जित करने के लिए प्रेरित करती रहती हैं।