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हजारों पक्षियों मौत के बाद मंत्री का ऐलान, सांभर झील में खुलेगा बर्ड रेसक्यू सेंटर और चौकी

-वन मंत्री सुखराम विश्नोई भी झील का जायजा लेने पहुंचे - मृत व घायल पक्षियों को निकालने पानी में उतरी टीम- सैकड़ों पक्षियों को किया एकत्र, रेसक्यू जारी

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बगरू

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Kashyap Avasthi

Nov 15, 2019

हजारों पक्षियों मौत के बाद मंत्री का ऐलान, सांभर झील में खुलेगा बर्ड रेसक्यू सेंटर और चौकी

हजारों पक्षियों मौत के बाद मंत्री का ऐलान, सांभर झील में खुलेगा बर्ड रेसक्यू सेंटर और चौकी

जयपुर. सांभर झील में हजारों प्रवासी पक्षियों की मौत के बाद अब सरकार एक्शन मोड पर आ गई है। शुक्रवार को वन मंत्री सुखराम विश्नोई भी झील का जायजा लेने पहुंचे और पक्षियों को बचाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। इस दौरान मंत्री ने कहा कि पक्षियों की सुरक्षा के लिए झील परिसर में ही चौकी स्थापित की जाएगी साथ ही घायल पक्षियों के लिए बर्ड रेसक्यू सेंटर भी बनाया जाएगा।


ज्ञात रहे कि जिले की सांभर झील में हजारों प्रवासी पक्षियों की मौत का मामला अब हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि इतनी संख्या में पक्षियों की मौत क्यों हो रही है। इसके बाद मुख्यमंत्री गहलोत ने ट्वीट किया है कि सरकार इस मामले में गंभीर है और इसके बाद कोर्ट में भी गुरुवार को जवाब पेश किया। इसके बाद मंत्री सुखराम विश्नोई भी मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया।


ज्ञात रहे कि पक्षियों की मौत का का सिलसिला जारी है लेकिन शुक्रवार को वन विभाग के बड़ी संख्या में कर्मचारी दिखे। वहीं रेसक्यू के लिए भी विशेष चिकित्सकों की टीम पहुंची और घायल पक्षियों को पानी के बीच बने छोटे-छोटे टापूओं से निकालकर उपचार किया गया। वहीं दिनभर कर्मचारी मृत पक्षियों को भी बोरों में एकत्र करते रहे। एनजीओ के दिनेश यादव, ओमप्रकाश सैन, सुगन्ध आचार्य, पूरणेश कुलश्रेष्ठ आदि दिनभर झील से मरे हुए पक्षियों को हटाने के काम में जुटे रहे।


सांभर झील अब पक्षियों के लिए कब्रगाह बनती जा रही है। यहां मरने वाले पक्षी अपने आप ही मिट्टी में दबने लगे हैं। जो झील देशी-विदेशी पक्षियों के लिए सैरगाह थी लेकिन अब यहां जगह-जगह मृत पक्षियों के ढेर लगे हुए हैं। बताया जा रहा है कि मृत पक्षियों की संख्या दस हजार से काफी अधिक हो सकती है। उधर, पक्षियों में बर्ड फ्लू की बीमारी सामने नहीं आई है।


कहीं फैल ना जाए महामारी


जिस अनुपात में झील में पक्षी मर रहे हैं, उससे कहीं कोई महामारी नहीं फैल जाए। यह भी चिंता का विषय बना हुआ है। झील के पानी में मरे पक्षियों में कीड़े लगने शुरू हो गए हैं। पूरी झील में केवल पंख ही नजर आ रहे हैं। लेकिन अब भी हजारों की संख्या में मृत पक्षी पड़े हुए हैं।