उदयपुरिया.
राजस्थान के उत्तरी पश्चिमी 1& जिलों का अलग मरू प्रदेश बनाने की मांग को लेकर 2& जनवरी को श्रीगंगानगर से जयपुर में मुख्यमंत्री मिलने रवाना हुए किसानों को जयपुर कमिश्रर रेट में घुसने नहीं दिया और राजधानी से करीब 33 किमी दूर ही रोक दिया। आगे नहीं बढने देने से किसान अपने मांग पत्र को पुलिस के बेरिकेड्स पर चिपका कर वापस लौटने का फैसला किया है। उल्लखनीय है कि राजस्थान के उत्तरी पश्चिमी 1& जिलों का अलग मरू प्रदेश बनाने की मांग को लेकर श्रीगंगानगर से किसान 2& जनवरी को रवाना होकर जयपुर में मुख्यमंत्री से मिलने के लिए रवाना हुए थे। चौमूं शहर के पास मंगलवार को उदयपुरिया मोड पर भारी पुलिस जाब्ते ने किसानों को कमिश्नर रेट की सीमा में नहीं घुसने दिया। किसानों ने ठंडी रात हाइवे के किनारे ऊंट गाडियों एवं तंबुओं में गुजारी। मोर्चा में करीब 50 से 60 ऊंट गाडियां और ऊंट शामिल थे। 200-250 किसानों का लवाजमा था। ऊंटों के लिए चारे की व्यवस्था भी साथ थी। पुलिस के आगे नहीं बढने देने से नाराज किसान हाईवे पर धरना प्रदर्शन पर बैठ गए थे। दूसरे दिन बुधवार को दिन भर पुलिस अधिकारियों एवं मोर्चा के पदाधिकारियों के बीच 6-7 दौर की वार्ता हुई, लेकिन कोई सुलह नहीं हो पाया। वार्ता के दौरान मोर्चा के कार्यकर्ता ऊंट गाडियों को मौके पर ही छोडक़र पैदल चलकर जयपुर की तरफ रवाना हुए तो पुलिस ने दोबारा रोक लिया। इस पर नाराज किसानों ने कुछ देर के लिए हाईवे रोड बंद कर नारेबाजी की। बाद में समझाइश कर हाईवे को खुलवाया गया। यात्रा में शामिल जयवीर गोदारा ने बताया कि मुख्यमंत्री के निजी सचिव से बात हुई। शिक्षामंत्री बीडी कल्ला से बात करने के लिए बुलाए जाने की बात पर मोर्चा के किसानों ने इंकार कर दिया। मुख्यमंत्री से मिलने की अनुमति नहीं मिलने पर नाराज किसानों ने हाईवे पर लगे पुलिस बैरिकेड्स पर ही ज्ञापन चस्पा किया।