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शिक्षा विभाग नहीं मानता कोटपूतली-बहरोड़ को नया जिला?

कोटपूतली. राज्य सरकार की ओर से नए जिलों में कलक्टर-एसपी लगाने सहित कुछ को छोड़कर सभी विभागों के कार्यालय स्थापित कर दिए गए हैं तथा उसी अनुरूप कार्य हो रहे हैं। लेकिन शिक्षा विभाग की नजर में अभी नए जिलों का अस्तित्व नहीं है। ऐसे में शाला दर्पण पोर्टल पर अब भी 33 जिलों का […]

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शिक्षा की रैंकिंग

शिक्षा की रैंकिंग

कोटपूतली. राज्य सरकार की ओर से नए जिलों में कलक्टर-एसपी लगाने सहित कुछ को छोड़कर सभी विभागों के कार्यालय स्थापित कर दिए गए हैं तथा उसी अनुरूप कार्य हो रहे हैं। लेकिन शिक्षा विभाग की नजर में अभी नए जिलों का अस्तित्व नहीं है। ऐसे में शाला दर्पण पोर्टल पर अब भी 33 जिलों का विकल्प ही उपलब्ध है, जबकि प्रदेश में 41 जिले अस्तित्व में आ चुके हैं।

जानकारी अनुसार शिक्षा विभाग में नवगठित जिलों में शिक्षा की रैंकिंग का आंकलन अभी भी नहीं हो रहा है। प्रदेश में नए जिलों के गठन के बाद भी निदेशक माध्यमिक शिक्षा की ओर से जारी मासिक रैंकिंग अब तक भी 33 जिलों के आधार पर निकाली जा रही है। शाला दर्पण पोर्टल पर अब भी 33 जिलों का विकल्प ही उपलब्ध है। जबकि, राजस्थान में 41 जिले हैं। गौरतलब है कि कांंग्रेस सरकार के समय घोषित हुए 50 जिलों में से प्रदेश की भाजपा सरकार ने नए जिलों की समीक्षा के बाद 9 जिलों को पुनर्गठित कर समाप्त किए जाने और अब कुल 41 जिलों की प्रशासनिक संरचना लागू होने के बावजूद शिक्षा विभाग का शाला दर्पण पोर्टल आज भी पुरानी व्यवस्था पर कायम है। मार्च माह की शिक्षा रैंकिंग रिपोर्ट में अब भी 33 जिलों को ही आधार बनाया गया है, जबकि 9 जिलों को निरस्त हुए 4 माह का समय हो गया है।