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राजस्थान के इस रेलवे जंक्शन पर रहता है मौत का खौफ

Phulera Junction railway station :- फुलेरा जंक्शन को आदर्श का तमगा, लेकिन सुरक्षा के नाम पर सीसीटीवी तक नहीं। करोड़ों रुपए के विकास कार्य होने के बाद भी नहीं लगाए गए मेटल डिटेक्टर। प्रतिदिन रहता है हजारों यात्रियों का आवागमन।

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बगरू

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Narottam Sharma

Dec 07, 2019

राजस्थान के इस रेलवे जंक्शन पर रहता है मौत का खौफ

राजस्थान के इस रेलवे जंक्शन पर रहता है मौत का खौफ

जयपुर. 'ए' श्रेणी के रेलवे स्टेशनों में शामिल फुलेरा जंक्शन (Phulera Junction railway station) पर सफर के लिए आने जाने वाले हजारों यात्रियों की सुरक्षा भगवान भरोसे है। यात्रियों की सुरक्षा के लिए यहां सीसीटीवी कैमरे, यात्री जांच के लिए डिटेक्टर सहित तमाम सुविधाएं नहीं हैं। इससे यहां यात्रियों की जान हमेशा जोखिम में रहती है।

संदिग्धों के बारे में भी पता नहीं चल पाता
यहां कई बार वारदातें भी हुई हैं, लेकिन सीसीटीवी कैमरे नहीं होने से खुलासा नहीं हो पाया। दैनिक यात्रियों का कहना है कि कैमरे नहीं होने से अपराधियों पर नजर रखना संभव नहीं है, वहीं संदिग्धों के बारे में भी पता नहीं चल पाता। कैमरे लगा दिए जाएं तो वारदातों पर भी अकुंश लग सकेगा।

जांच तक की सुविधा नहीं
जंक्शन पर आने वाले यात्रियों की चैकिंग के लिए भी मेटल डिटेक्टर की सुविधा नहीं है, ऐसे में कोई भी हथियार लेकर स्टेशन से ट्रेनों में चढ़कर जा सकते हैं। जबकि यह स्टेशन चुनिंदा ए-श्रेणी रेलवे स्टेशनों के पैनल में शामिल है। उधर, जीआरपी थाने पर 12 चोरी एवं 20 गुमशुदगी के मामले दर्ज हुए हैं, लेकिन मामलों का खुलासा नहीं हो पाया। अगर फुटेज होते तो अपराधियों का पता लग सकता था।

हाल ही में खर्च हुए हैं करोड़ों रुपए
ज्ञात रहे कि रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म एवं स्टेशन परिसर में यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए नाम पर हाल ही में करोड़ों के विकास कार्य हुए हैं, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से सबसे अहम माने जाने वाले कैमरे नहीं लगवाए गए।

स्टेशन पर आवारा सांडों का जमावड़ा
फुलेरा रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्मों पर सांडों की आवाजाही अक्सर देखने को मिलती है। कई बार ये प्लेटफार्म पर ही एक-दूसरे से भिड़ जाते हैं। ऐसे में यात्रियों को जान बचाकर वहां से भागना पड़ता है। प्लेटफॉर्म पर लगे कचरा पात्रों को पलट देते हैं जिससे गंदगी फैल जाती है।

इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले भी नहीं
फुलेरा रेलवे स्टेशन पर सबसे बड़ी समस्या है कि ट्रेन लेट होने पर इसकी जानकारी भी यात्रियों को नहीं मिल पाती। स्टेशन पर इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले भी नहीं लगा है जिससे आरक्षित बोगी को ढूंढने में भी यात्रियों को दिक्कत होती हैं। वहीं रेलवे स्टेशन पर अजमेर-जोधपुर की तरफ सुलभ शौचालय नहीं होने से परेशानियों का सामना करना पड़ता है। फुलेरा रेलवे स्टेशन से रोज 15 से 20 हजार दैनिक रेलयात्री अपडाउन करते हैं। कई बार ट्रेन आने के कुछ ही देर पहले प्लेटफार्म की स्थिति का पता चलता है।

..तो वारदातों में आ सकती है कमी
दैनिक रेलयात्री संघ एकीकृत फुलेरा के अध्यक्ष अशोक वासदेव का कहना है कि रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी लगवाए जाने चाहिए। ताकि संदिग्धों पर नजर रखी जा सके। इससे वारदातों में भी कमी आएगी।