
जयपुर जिले के चौमूं में स्टेशन रोड पर संचालित राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र।
चौमूं. शहर के बड़े अस्पतालों में मरीजों का दबाव कम करने और घरों के नजदीक स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने को लेकर सरकार ने तीन साल पहले चौमूं में रेलवे स्टेशन रोड पर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चालू किया था, लेकिन न तो इसे स्थायी भवन मिला और न ही स्थायी चिकित्सक, जिसके चलते मरीजों को स्वस्थ करना तो दूर बल्कि खुद ही सुविधाओं के लिए जूझ रहा है।
जानकारी के अनुसार चौमूं शहर में संचालित राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में मरीजों का दबाव करने के उद्देश्य से सरकार ने वर्ष 2017 में रेलवे स्टेशन रोड पर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (पीएचसी) का संचालन शुरू किया, लेकिन आज तक न तो पीएचसी में कोई स्थाई चिकित्सक लगाया गया और ना ही खुद का भवन बनाया गया है। वर्तमान में पीएचसी सरकारी स्कूल के पुराने भवन में चल रही है। यहां दो नर्सिंगकर्मी हैं, वे भी प्रतिनियुक्ति पर सेवाएं दे रहे हैं। चिकित्सा विभाग ने चौमूं सीएचसी से एक चिकित्सक को प्रतिनियुक्ति पर लगाया था, जो कोविड-19 के तहत जयपुर में जून माह से सेवाएं दे रहे हंै। ऐसे में मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उलब्ध कराने की बात बेमानी साबित हो रही है।
पांच माह से नर्सिंग स्टाफ बांट रहा दवा
पीएचसी में फार्मासिस्ट का पद पांच माह से खाली पड़ा है। ऐसे में नर्सिंग स्टाफ को ही दवा बांटनी पड़ी रही है। इससे पीएचसी में अन्य उपचार से संबंधित कार्य प्रभावित हो रहे है, जबकि पीएचसी में नर्सिगकर्मी ही दो है।
उपकरण चाट रहे धूल
पीएचसी में शुरू से ही लैब टेक्नीशियन का पद भी खाली पड़ा है। हालांकि पीएचसी में जांच के उपकरण हैं, लेकिन लैब टेक्नीशियन नहीं होने की वजह से काम नहीं आ रहे हंै। लम्बे समय से उपकरणों के काम नहीं आने से खराब होने की भी संभावना बनी हुई है। यहां पीएचसी में ईसीजी वगैरह जांच नहीं हो पा रही है।
एएनएम के छह पद, पांच खाली
पीएचसी में कहने को तो एएनएम के छह पद हैं, लेकिन इनमें से महज एक एएनएम नियुक्त हैं। पीएचसी खुलने के दौरान तीन पद स्वीकृत हुए थे। हाल ही में तीन कोविड १९ के दौरान स्वीकृत हु़ए। अभी स्वीकृत हुए एएनएम को सीएमएचओ जयपुर कार्यालय में लगा रखा है। इससे पहले की दो एएनएम प्रतिनियुक्ति पर जयपुर और भोजलावा में है।
जमीन आवंटित, नहीं बन रहा भवन
पीएचसी का भवन बनाने के लिए शहर में रेनवाल रोड पर डाक घर के पास जमीन आवंटित हो चुकी है। पिछले साल बजट भी आवंटित हो गया, लेकिन विभागीय अधिकारियों की ढिलाई के चलते भवन का निर्माण नहीं हो पा रहा है।
40 का रह गया ओपीडी
पीएचसी के आउटडोर (ओपीडी) के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो पहले 80 से 90 तक ओपीडी रहती थी, लेकिन सुविधाओं की कमी के चलते धीरे-धीरे ओपीडी कम होती जा रही है। वर्तमान में महज 30-40 तक ही ओपीडी चल रही है। पीएचसी में दो ही बेड है।
फैक्ट फाइल
-दो नर्सिंग स्टाफ कार्यरत है। जो प्रतिनियुक्ति पर सेवाएं दे रहे हैं।
-वर्तमान में चिकित्सक नहीं है।
-एक कम्प्यूटर ऑपरेटर है, जो संविदा पर है।
- कम्प्यूटर ऑपरेट/एसीडीईओ है, यह भी संविदा पर है।
-पीएचएम का पद है, यह भी संविदा पर है।
-एक एएनएम कार्यरत है, वह भी संविदा पर है।
-एक हैल्पर है।
इनका कहना है
स्थाई चिकित्साकर्मी नियुक्त करने और फार्मासिस्ट व लैब टेक्नीशियन लगाने के लिए विभाग को अवतग कराया जाएगा।
डॉ. मुखराम देवंदा, प्रभारी, सीएचसी, चौमूं
Published on:
11 Oct 2020 02:14 pm
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