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छंगाई के नाम पर पूरे पेड़ों की कटाई, ऐसे कैसे बचेगी हरियाली

जिम्मेदार अधिकारी बोले: पेड़ काटना गलत, करवाई जाएगी जांच

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बगरू

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Teekam Saini

Jul 31, 2018

Harvesting of green trees in nursery

छंगाई के नाम पर पूरे पेड़ों की कटाई, ऐसे कैसे बचेगी हरियाली

चौमूं/मानपुरा माचैड़ी (जयपुर). हर साल सरकार पेड़ बचाने और पौधरोपण करने के लिए विशेष अभियान चलाती है। ताकि प्रदेश को हरा-भरा किया जा सके। स्कूल, कॉलेजों में प्रत्येक विधार्थी से एक-एक पौधा लगाकर उनकी देखभाल की शपथ भी दिलाई जाती है, लेकिन स्थानीय प्रशासन और वन विभाग की लापरवाही के जहां बसी-बसाई नर्सरियां उजड़ रही है। वहीं विधुत निगम के कारिदें भी पेड़ों को काटने में कसर नहीं छोड़ रहे हैं। विधुत लाइनों के नीचे पेड़ों की छंगाई के नाम पर हरे-भरे पेड़ों को काटा जा रहा है। चौमूं उपखण्ड क्षेत्र की जाटावाली ग्राम पंचायत के अधीन नर्सरी में औधोगिक क्षेत्र की तरफ गुजर रही विधुत लाइन के पास से आधा दर्जन हरे पेड़ों को ठूंठ बना दिया है। इससे ग्रामीणों और ग्राम पंचायत प्रशासन में नाराजगी है।
हरे-भरे पेड़ों के बने ठूंठ
विधुत लाइन के पास छंगाई के नाम पर दो दिन पहले करीब आधा दर्जन हरे पेड़ों की बलि चढ़ा दी है। जहां सिर्फ हरे पेड़ों के ठूंठ नजर आ रहे है। इधर, ग्राम पंचायत प्रशासन ने बताया कि पेड़ों के काटने के संबंध में निगम ने किसी तरह की अनुमति भी नहीं ली है। सूचना पर सरपंच ने नर्सरी का मौका मुआयना किया और मामले से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया।
छंगाई कर बचाए जा सकते थे पेड़
पेड़ों की कटाई से पहले स्थानीय प्रशासन से अनुमति लेनी पड़ती है, लेकिन नर्सरी में बिना अनुमति के ही हरे पेड़ों को जमीन के पास से ही हटा दिया है। यदि जिम्मेदार थोड़ा भी ध्यान देते तो लाइन के नीचे आ रहे पेड़ों को छंगाई कर बचाया जा सकता था।
सार-संभाल के अभाव में भी उजड़ रही नर्सरी
नर्सरी सार-संभाल के अभाव में भी उजड़ रही है। पानी के अभाव में पेड़ सूख रहे है। संघन वन की तरह दिखने वाली नर्सरी विरान हो रही है। नर्सरी की सार-संभाल के लिए कोई स्थाई कर्मचारी नहीं है। कई सालों पहले नर्सरी तैयार कर वन विभाग ने पंचायत के सुपुर्द की थी। नियमित सार-संभाल नहीं होने से नर्सरी उजड़ रही है।
इनका कहना है
नर्सरी में आधा दर्जन पेड़ों को काटा गया है। इस बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत कराया है। ग्राम पंचायत प्रशासन की ओर से बिना सहमति व कोई सूचना दिए हरे पेड़ों काटा है। जो गलत है।
ममता शर्मा, सरपंच, जाटावाली
पेड़ काटना गलत है। तारों के नीचे आ रहे पेड़ों की छंगाई की जाती है। यदि ऐसा है तो जांच करवाई जाएगी।
पुष्पेन्द्र चौधरी, सहायक अभियंता, चौमूं
लाइन के नीचे आ रहे पेड़ों की छंगाई के लिए कहा गया था। लाइन के ज्यादा नजदीक होने के कारण ठेकेदार दो पेड़ों को काटने की कह रहा था। अभी मौका मुआयना करता हूं।
मेश चौधरी, कनिष्ठ अभियंता, जाटावाली