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कालख बांध का घोंट दिया ‘गला’

- 36 वर्ष से नहीं भरा बांध- कभी आबाद रहने वाला बांध आज गुमनाम- लाखों लोगों की बुझाता था प्यास

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कालख बांध का घोंट दिया ‘गला’

जोबनेर. चार दिन से आसपास के क्षेत्र में खूब बारिश हो रही है। कई जलस्रोतों में पानी भी आया है, लेकिन क्षेत्र का सबसे बड़ा कालख बांध अब भी पानी की बूंद को तरस रहा है। कभी सैकड़ों गांवों के लाखों लोगों की प्यास बुझाने वाला कालख बांध अतिक्रमणों का शिकार होता जा रहा है। वर्तमान में बांध पूरी तरह से सूख है। लोगों ने यहां अतिक्रमण कर लिए हैं। चारों और केवल वीरानी पसरी है।
कालख बांध की वर्तमान भराव क्षमता 28 फ ीट है। बांध वर्ष 1981—82 तक पूरा भरा रहता था। उस समय दूर दराज से लोग यहां पिकनिक मनाने आया करते थे। यह एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल के रूप में प्रसिद्ध था। सन 1981—82 में कालख बांध में अत्यधिक भराव के चलते चादर चली थी तब यह स्थान पर्यटकों से भरा रहता था। लेकिन उसके बाद धीरे-धीरे बांध में पानी कम होने लगा और वर्तमान में यह बिलकुल सूख चुका है। इसके सूखने का कारण बांडी नदी से आने वाले पानी की आवक बन्द हो जाना भी है इसके अलावा लोगों ने जगह-जगह एनीकट का निर्माण कर पानी के प्रवाह को रोक दिया है। बांध सूख जाने के कारण आस पास के क्षेत्र की वनस्पति भी सूखती जा रही है।

चार वर्ग किमी क्षेत्र में फैला है बांध
कालख बांध के भराव के लिए पानी का मुख्य स्रोत सामोद की पहाडिय़ों से निकलने वाली नदी है। लगभग 4 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले कालख बांध को आज से करीब 600 वर्ष पूर्व कालख ठिकाने के जागीरदार ठाकुर बेरीसाल सिंह ने बनवाया था। कालख उस समय जयपुर राजघराने के अधीन था।

बांध भरे तो लाखों लोगों को मिले फ ायदा
गौरतलब है कि राजधानी का निकटवर्ती क्षेत्र जिसमें झोटवाड़ा, आमेर, फु लेरा, दूदू विधानसभा क्षेत्र के सैकड़ों गांव आते हैं, डार्क जोन घोषित हो चुका है। ऐसे में अन्य स्रोत से जल के दोहन पर पाबंदी है। इसके चलते पानी की कमी होने से कृषि आधारित व्यवसाय भी धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। ऐसे में कालख बांध में अगर पानी आ जाए तो क्षेत्र के निवासियों व खेती को नया जीवन मिल सकता है। क्षेत्रवासियों ने यमुना नदी का पानी कालख बांध में लाने की सरकार से मांग की है। इसके निए आन्दोलन भी किए गए, लेकिन इस दिशा में ना तो प्रशासन गंभीर नजर आया और ना सरकार।

बारिश से बांधों में पानी की होने लगी आवक
दूदू. क्षेत्र में पिछले दिनों से हो रही निरन्तर बारिश से अब तालाबों के साथ ही बांधों में भी पानी की आवक शुरू हो गई है। सिंचाई विभाग से मिली जानकारी के अुनसार शुक्रवार सुबह 8 बजे तक 17 फीट भराव वाले दूदू उप खण्ड के सबसे बड़े बंाध छापरवाडा में 3 इंच, 13 फीट भराव वाले नया सागर बंाध मौजमाबाद में 2.9 फीट, 9 फीट भराव वाले गागरडू के हुनुमान सागर बांध में 3 फीट, 15 फीट भराव वाले हिंगोनिया बांध में 1.8 फीट, 7 फीट भराव क्षमता वाले बंाडोलाव बंाध नरैना में अब तक मात्र 6 इंच पानी की आवक हुई है। जबकि पीपला व छोटी डूंगरी बांध अभी भी पानी की आवक को तरस रहे हैं। जहंा तक बारिश का सवाल है है पिछले चौबीस घंटों में शुक्रवार सुबह 8 बजे तक दूदू में 22 एमएम व छापरवाड़ा बांध में 34 एमएम बारिश हुई है।