
सामोद में चूड़ियों से सजी दुकान।
सामोद सहित आसपास गांवों के साथ जयपुर, अजमेर, सवाई माधोपुर, कोटा, बूंदी, दिल्ली, मुम्बई, अहमदाबाद तक सामोद में बनी लाख की चूड़ियों का अच्छा खासा क्रेज था। बाजार में लाख की जगह प्लास्टिक, मैटल व चीनी मार्केट की सस्ती चूड़ियों आने से इन चूड़ियों का बाजार मंदा है। कई कारीगर तीन-चार पीढ़ियों से लाख की चूड़ियां बना रहे है। सामोद में जहां 10-15 साल पहले लाख से चूड़ियां बनाने का सैकड़ों कारीगर काम करते थे। अब लाख के कारीगरों की संख्या गिनी चुनी रह गई है। सामोद में केवल 5-7 परिवार ही लाख की चूड़ियां बनाने का काम करते है। कई लोगों ने पुश्तैनी व्यवसाय छोड़कर मजदूरी सहित दूसरे कार्यों में जुटकर परिवार का पालन करने को मजबूर है। सामोद के लाख के कारीगर राजू मणियार व साजिद मनियार ने बताया कि उनका परिवार पिछली चार पीढ़ियों से लाख की चूड़ियां बनाने का काम कर रहे है। पहले पूरा परिवार महिलाओं के साथ लाख की चूड़ियां बनाने का काम करता था। अब सस्ती चूड़ियां आने से असली लाख की चूड़ियों का बाजार मंदा है। कारीगरों को सरकार से भी कोई सहायता नहीं मिलती है।
150 से 2 हजार तक बिकती है
असली लाख से बनी चूड़ियों की बाजार कीमत 150 रुपए से 2 हजार रुपए तक है। जहां सादा चूड़ियां 150 रुपए में बिकती है। वहीं दुल्हन की चूड़ियां व रंगबिरंगे नगीनों व स्टोन लगी चूड़ियां 2 हजार रुपए तक बिकती है। प्लास्टिक व चीनी मार्केट की चूड़ियां 50 से 500 रुपए तक आसानी से मिल जाती है। जिससे असली लाख से बनी चूड़ियों की मांग कम होती जा रही है।
अधिक मेहनत, कम मुनाफा
कारीगर वाजिद मणियार व मोहन लखेरा ने बताया कि लाख से चूड़ियां बनाने में काफी मेहनत लगती है।साथ ही बाजार में लाख भी काफी महंगी हो गई है। परिवार के चार कारीगर मिलकर दिनभर में 15 से 20 सेट लाख की चूड़ियों के बना पाते है। एक सेट में 8 चूड़ियां होती है। मगर बाजार में लाख की चूड़ियों की मांग कम होने से रोजाना 8-10 चूड़ियों के सेट ही बनाते
देश-विदेश में सामोद की खास पहचान
सामोद में बनी लाख की चूड़ियों की पहचान आसपास ही नहीं बल्कि दूसरे बड़े शहरों के साथ विदेशों में भी है। कारीगर निजाम मणियार व एहसान मणियार ने बताया कि सामोद में बनी असली लाख की चूड़ियां देश विदेश तक बिकने जाती है। सामोद की लाख की चूड़ियां विदेशी सैलानियों को भी आकर्षित करती है। सामोद एक हेरिटेज विलेज होने से यहां विदेशी सैलानियों का आना जाना रहता है। विदेशी सैलानी भी महंगी से महंगी लाख की चूड़ियां खरीदने से नहीं चूकते।
Published on:
27 Mar 2025 06:27 pm
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