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लॉक डाउन : गरीबों ने खोली ‘मदद’ को मुट्ठी तो मिला निवाला

- ग्राम पंचायत की मुहिम पर 10 क्विण्टल गेहूं एकत्र- तीन क्विंटल आटा बांट चुके जरूरतमंदों को

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बगरू

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Narottam Sharma

Apr 06, 2020

लॉक डाउन : गरीबों ने खोली 'मदद' को मुट्ठी तो मिला निवाला

चौमूं. ग्रामपंचायत अणतपुरा में अनाज के लिए रखी टंकी।

चौमूं/जैतपुरा. लॉकडाउन में क्षेत्र में फैक्ट्रियां बंद होने से मजदूरों समेत जरूरतमंदों के सामने भोजन की समस्या हुई तो अणतपुरा (जै.) ग्राम पंचायत प्रशासन ने स्थानीय भामाशाहों के अलावा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा सूची में शामिल गरीबों को भी मदद के लिए प्रेरित किया। नतीजतन, गरीबों की मुट्ठियां खुली तो करीब 10 क्विंटल गेहूं एकत्र हो गया, जो जरूरतमंदों का निवाला बन रहा है।
जैतपुरा के निकट स्थित अणतपुरा ग्राम पंचायत के आस-पास बड़ी संख्या में रीको में फैक्ट्रियां संचालित हैं। इनमें यूपी, बिहार समेत विभिन्न क्षेत्रों के मजदूर मजदूरी करते हैं। कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन हो गया। अधिकतर फैक्ट्रियां बंद हो गई। इन फैक्ट्रियों के आस-पास चाय-बीड़ी-गुटखा समेत अन्य छोटे-मोटे सामन बेचने वालों का भी धंधा चौपट हो गया। दिहाड़ी मजदूरी बंद हो गई। पंचायत क्षेत्र में ऐसे भी कई परिवार हैं जो पर्याप्त दस्तावेजों के कारण बीपीएल, अन्त्योदय योजना एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना एवं सामाजिक पेंशन योजना से वंचित हैं। ऐेसे में इनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया।

पंचायत स्तर पर निकाला हल
सरपंच मदनलाल टोड़ावता ने बताया कि उपखंड अधिकारी हिम्मत सिंह ने क्षेत्र में जरूरतमंदों को खाने-पीने की सामग्री उपलब्ध करवाने के लिए भामाशाहों को प्रेरित करने को कहा तो बाहरी भामाशाह के बजाय गांव के ही भामाशाहों की मदद ली। साथ ही राष्ट्रीय आपदा की इस घड़ी में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना की सूची में शामिल गरीबों को भी भामाशाह के तौर माना गया। यही कारण रहा कि पंचायत ने अणतपुरा की उचित मूल्य की दुकान के बाहर प्लास्टिक की बड़ी टंकियां रखवा दी गई, जिस पर लिखवाया गया कि क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सोए। इसके लिए स्वेच्छा से मुट्ठियां भरकर अनाज दान करें। फिर क्या था, जो भी पात्र व्यक्ति गेहूं लेने आ रहा है वो इच्छानुसार टंकी में गेहूं डाल जाता है।

स्टॉक में 7 क्विण्टल गेहूं
राशन डीलर विष्णु अग्रवाल ने बताया कि अणतपुरा (जै.) में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत 960 राशनकार्ड धारक हैं एवं इनमें करीब 4300 से अधिक सदस्य जुड़े हुए हैं। प्रत्येक परिवार के राशनकार्ड में शामिल एक-एक सदस्य को सरकार की ओर से पांच-पांच किलोग्राम गेहूं दिया जाता है। उप सरपंच मांगीलाल बलेसरा ने बताया कि सभी परिवारों ने स्वेच्छा से मुट्ठियां भरके गेहूं का दान किया है। सरपंच की मानें तो करीब 10 क्विण्टल गेहूं एकत्र हो गया। इसमें से तीन क्विण्टल गेहूं को पिसवाकर जरूरतमंदों को बांट दिया। स्थानीय भामाशाहों के सहयोग से आटे के अलावा दाल, तेल व मिर्च मसाला का किट भी दिया जा रहा है। पंचायत भवन में करीब सात क्विण्टल गेहूं रखा है, जिसका जरूरत के हिसाब से आटा पिसवाकर वितरण किया जाएगा।