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ऑल इंडिया में 743वीं रैंक की हासिल: 23 साल की उम्र में रची सफलता की कहानी
चौमूं. चौमूं में रहने वाली 23 वर्षीय नम्रता जैफ ने कड़ी मेहनत और बुलंद हौसले के दम पर पहले प्रयास में यूपीएससी सीएसई की परीक्षा वर्ष 2024 में ऑल इंडिया में 743वीं रैंक हासिल करके परचम लहराया है। खास बात ये है कि नम्रता ने घर में रहकर ही तैयारी की।हालांकि मदद के तौर पर उन्होंने दिल्ली की एक कोचिंग से ऑनलाइन क्लास ली। नम्रता की इस सफलता से युवाओं को खासकर ग्रामीण अंचल के युवाओं को आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी। नम्रता का परिवार मूलत: नीमकाथाना का है, लेकिन कई सालों से चौमूं के श्याम कुंज सरोवर डी में रह रहा है। जैसे ही नम्रता के सफल होने की सूचना मिली तो चौमूं में उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा रहा। सीबीईओ रामसिंह मीणा, एसीबीईओ जेपी गुप्ता, मुकेश हाटवाल, सुमन बुगालिया, सजनी चौधरी, हनुमानसहाय खटीक, सूरजनारायण रैगर, मनोज मीणा, मुकेश बागड़ी, मानप्रकाश मीणा, शेष मीणा, संजय मीणा आदि ने नम्रता व उसके माता-पिता का अभिनंदन किया। आदिवासी मीणा सेवा संघ के चौमूं तहसील अध्यक्ष रामचन्द्र मीणा ने पहुंचकर आईएएस बनी नम्रता को बधाई देकर अभिनंदन किया।
ज्ञात रहे कि नम्रता के पिता रामनिवास मीणा कोटपूतली-बहरोड जिले के पावटा में गिरदावर है और मां चौमूं तहसील के डोला का बास सरकारी विद्यालय में प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत हैं। (कासं.)
जोधपुर से बीए एलएलबी किया
नम्रता ने बताया कि उसने जोधपुर के राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय से वर्ष 2018 से 2023 तक बीए एलएलबी का कॉर्स पूरा किया। इस दौरान उसने विधि सहायता एवं जागरूकता टीम की सदस्य के तौर पर गांवों में जाकर ग्रामीण विकास के क्षेत्र में बहुत काम किया। यहीं से उसने आईएएस बनने का सपना देखना शुरू किया। उन्होंने बताया कि वह रोजाना 10 घंटे तैयारी करती थी। उसने 10वीं की परीक्षा नीमकाथाना के नयाबास, 12वीं परीक्षा जयपुर से उत्तीर्ण की, जिसमें 96.60 फीसदी अंक हासिल किए थे। नम्रता तीन बहन भाइयों में सबसे बड़ी है।