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6 किलोमीटर की वॉक के संघर्ष से मिली मॉडलिंग में सक्सेस वॉक

Story of the struggle of model Nisha Yadav :— मॉडल निशा यादव के संघर्ष की कहानी : केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Union Minister Smriti Irani) ने शेयर कर (Of share) बताई कोटपूतली की बेटी (Kotputli's daughter) के सफल होने की कहानी। कुछ ही घंटों में सवा लाख से अधिक लोगों ने की पसंद।

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बगरू

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Narottam Sharma

Aug 25, 2019

6 किलोमीटर की वॉक के संघर्ष से मिली मॉडलिंग में सक्सेस वॉक

6 किलोमीटर की वॉक के संघर्ष से मिली मॉडलिंग में सक्सेस वॉक

जयपुर. केंद्रीय महिला एवं बालविकास व कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से शुक्रवार रात एक वीडियो पोस्ट कर जयपुर जिले के कोटपूतली की निशा यादव (Nisha Yadav of Kotputli) के कठिन परिश्रम व मेहनत के बल पर राष्ट्रीय स्तर पर पहचान (National recognition) बनाने की खूब प्रशंसा की है। मुंबई में चल रहे एक रिनाउंड फैशन वीक (fashion Week) के मंच से स्मृति ने इंस्टाग्राम वीडियो पोस्ट शेयर किया, जिसे कुछ ही समय में लाखों लोगों ने पसंद किया है। वीडियो में स्मृति ईरानी कह रही हैं 'यहां मैं चाहती थी आप सब मिलें निशा यादव से... इसकी हाइट है 5.11 फीट। खास क्या है? सिर्फ एक मॉडल है? नहीं, ये राजस्थान यूनिवर्सिटी जयपुर से लॉ की पढ़ाई कर रही है। दूसरा साल पूरा किया है और तीसरे साल की पढ़ाई चल रही है और लैक्मे फैशन वीक (Lakme Fashion Week) के प्लेटफॉर्म पर भी परफॉर्म कर रही है। अपना स्ट्रगल शेयर करते हुए निशा (model Nisha Yadav) ने बताया कि पापा मॉडलिंग के खिलाफ थे और मेरी शादी करना चाहते थे। लेकिन मैंने अपने सपनों का पीछा नहीं छोड़ा। इसके चलते पापा ने घर से निकाल दिया। शुरू में तो मेरी बहनें भी मॉडलिंग के खिलाफ थी, लेकिन आज सब कुछ ठीक है, पापा को भी हम सभी बहनों पर गर्व है।

6 किमी पैदल जाती थी स्कूल
कोटपूतली (Kotputli) के पास शुक्लाबास में मुकदम की ढाणी की रहने वाली निशा ने बचपन में काफी संघर्ष किया है। निशा ढाणी से 6 किलोमीटर दूर पैदल चलकर पढऩे जाती (Used to study by walking 6 kilometers) थी। निशा का गांव कोटपूतली से करीब 17 किलोमीटर दूर है।

सभी ने पाया मुकाम
निशा की एक बहन आइएएस IAS, एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर software engineer, एक पुलिस ऑफिसर police officer और एक एजुकेशन फील्ड से जुड़ी हैं। वहीं निशा मॉडलिंग के साथ दिल्ली में लॉ प्रैक्टिस भी कर रही हैं।

विरोध के बावजूद सभी को दी आजादी
निशा ने बताया कि पिता ने समय के साथ बदलते हुए बाद में सभी बहनों को आजादी दी। गांव व समाज के लोग इसके खिलाफ थे The people of the village and society were against it, लेकिन उन्होंने किसी की परवाह नहीं की। जिसका परिणाम है कि हम सभी बहनें आज अच्छे मुकाम तक पहुुंची हैं। मेरी एक बहन आइएएस है। निशा बताती हैं कि पिता ने जब बहनों को काम की आजादी दी तो गांव वालों ने इसका विरोध किया, लेकिन उन्होंने किसी की परवाह नहीं की और सबका विरोध झेलते हुए बेटियों को काबिल बनाया।

पहले पढ़ाई फिर शादी का दिया संदेश
स्मृति ईरानी की ओर से इंस्टाग्राम पर पोस्ट किए गए निशा के वीडियो को कुछ ही समय में सवा लाख से अधिक लोगों ने पसंद किया। साथ ही मंत्री ने सभी लोगों को यह भी संदेश दिया कि पहले पढ़ाई इसके बाद बेटियों की शादी के बारे में सोचना चाहिए (After studying, should think about the marriage of daughters) और बालिग होने के बाद जब उनकी इच्छा हो तब परिजनों को उनकी शादी करनी चाहिए।