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किशमिश पर आयात-नारियल पर आपदा का असर

नारियल की फसल प्रभावित

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नारियल की फसल प्रभावित

नारियल की फसल प्रभावित

जयपुर. ऑपरेशन सिंदूर के बाद अफगानिस्तान और पाकिस्तान से किशमिश आयात में आई भारी गिरावट का सीधा असर स्थानीय बाजारों पर दिखाई देने लगा है। आयात बाधित होने से बाजार में किशमिश के दाम दो गुना तक बढ़ गए हैं। वहीं केरल सहित नारियल उत्पादक दक्षिण भारत के राज्यों में प्राकृतिक आपदा से नारियल की फसल प्रभावित होने से पैदावार कम हुई है, उसका भी असर यहां स्थानीय बाजारों में देखने को मिल रहा है।

साढ़े तीन तीन हजार तक पहुंचे बोरी के दाम

किराणा व्यापारी हरीराम सैनी के अनुसार गत वर्ष थोक में 160 नग नारियल की बोरी करीब 1500 से 1700 रुपए में मिलती थी, जो अब बढक़र साढ़े 3500 से 3600 रुपए तक हो गई है। इसी तरह सूखा गोला 190-195 रुपए से बढक़र 310 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया है। फुटकर बाजार में गोला 350 रुपए किलो तक बिक रहा है, जबकि एक नारियल की कीमत 25 से 30 रुपए तक जा पहुंची है। व्यापारियों का कहना है कि कुंभ मेले के बाद से ही नारियल के दाम चढऩे शुरू हो गए थे। व्यापारी संजय बंसल ने बताया कि इस बार दक्षिण भारत से नारियल की आपूर्ति समय पर नहीं हो पा रही है। फसल उत्पादन भी कम रहा है, वहीं विदेशों में भी उत्पाद जा रहा है।

किशमिश भी हुई महंगी

व्यापारी कमल अग्रवाल ने बताया कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान से किशमिश की भारी मात्रा में खेप भारत आती थी। इसके रुकने से घरेलू मांग और आपूर्ति में असंतुलन पैदा हो गया है। इससे किशमिश के भाव में काफी बढ़ोतरी हुई है। पहले जो किशमिश 200 से 225 रुपए प्रति किलो थी, वह अब 400 से 500 रुपए तक बिक रही है।