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जयपुर ग्रामीण सीट पर कांटे की टक्कर, अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है ऊंट किस करवट बैठेगा, दोनों दल लगा रहे जोर

जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट 2008 के परिसीमन में अ​स्तित्व में आई थी

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जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट 2008 के परिसीमन में अ​स्तित्व में आई थी

जयपुर. जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट 2008 के परिसीमन में अ​स्तित्व में आई थी। इसके एक साल बाद वर्ष 2009 में इस सीट पर पहली बार आम चुनाव हुआ। वर्ष 2014 में दूसरी और वर्ष 2019 में यहां तीसरी बार चुनाव हुए। इन तीन चुनावों में जीत का खाता कांग्रेस ने खोला लेकिन बाद में हुए चुनावों में भाजपा ने कांग्रेस को पटखनी देकर स्कोर 2-1 कर लिया। जयपुर ग्रामीण सीट पर 19 अप्रेल को चौथी बार चुनाव होगा। लेकिन यहां अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस बार ऊंट किस करवट बैठेगा। जाट बाहुल्य क्षेत्र में जहां कांग्रेस के अनिल चौपड़ा का दबदबा नजर आता है, वहीं राजपूत बाहुल्य इलाकों में भाजपा प्रत्याशी राव राजेन्द्र सिंह भारी दिखाई दे रहे हैं। ऐसी ​िस्थति में अब यादव, ब्राह्मण व गुर्जर वोट जीत में निर्णायक रहेंगे। यह सीट इस बार कई मायनों में खास रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने राजस्थान में इसी सीट के कोटपूतली से प्रदेश में चुनाव प्रचार अ​भियान की शुरूआत की। वहीं पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा की भी यहां बड़ी चुनावी सभा हुई है। चुनाव अ​भियान के दौरान ही दो महत्वपूर्ण घटनाएं हुई, जिसमें पूर्व मंत्री राजेन्द्रसिंह यादव ने कांग्रेस का हाथ छोड़ भाजपा ​के कमल से नाता जोड़ा, वहीं पूर्व संसदीय सचिव रामस्वरूप कसाना समर्थकाें सहित कांग्रेस में शामिल हो गए।

ये आठ विधानसभा क्षेत्र हैं शामिल

जयपुर ग्रामीण लोकसभा क्षेत्र में आठ विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। इसमें कोटपूतली, विराटनगर, बानसूर, शाहपुरा, आमेर, झोटवाड़ा, जमवारामगढ़, फुलेरा विधानसभा शामिल हैं।

पेयजल की गंभीर समस्या

शाहपुरा, विराटनगर, जमवारामगढ़, आमेर, फुलेरा इलाके में पानी की गंभीर समस्या है। पिछले कई चुनावों में प्रत्याशी जल संकट दूर करने का वादा करते रहे हैं, लेकिन अभी तक भी समस्या का हल नहीं निकला।

रोजगार का भी संकट

इलाके में रोजगार का भी संकट है, बड़ी औद्योगिक इकाइयां नहीं हैं। रीको इंडस्ट्रीयल एरिया तो हैं, लेकिन बड़े स्तर की यूनिट नहीं होने से स्थानीय युवाओं को रोजगार नहीं मिल पाता है। लोकसभा क्षेत्र में कोटपूतली के अलावा कहीं भी जिला स्तरीय अस्पताल नहीं है, जिससे मरीजों को मजबूरी में जयपुर या निजी अस्पतालों की ओर रुख करना पड़ता है।

वर्ष 2019 का चुनाव परिणाम...

- भाजपा को मिले मत : 8 लाख 20 हजार 132

- कांग्रेस को मिले मत : 4 लाख 26 हजार 961

वोट प्रतिशत...

- भाजपा : 64.24 प्रतिशत

- कांग्रेस : 34.44 प्रतिशत

कांग्रेस-भाजपा में सीधी टक्कर, प्रदेश में सबसे ज्यादा प्रत्याशी भी यहां

जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट पर भाजपा व कांग्रेस में सीधा मुकाबला होगा। यहां निर्दलीय व अन्य किसी दमदार प्रत्याशी के रूप में कोई बड़ा चेहरा सामने नहीं है। जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट पर प्रदेश में सर्वाधित 15 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं।