बगरू

सहकारी समितियों में यूरिया खाद नहीं, भटक रहे किसान

तीन हजार मीट्रिक टन यूरिया खाद की जरूरत

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Jul 03, 2025
तीन हजार मीट्रिक टन यूरिया खाद की जरूरत

शाहपुरा. उपखंड क्षेत्र में खरीफ फसल बुवाई का कार्य अंतिम चरण में है, लेकिन अब तक भी सहकारी समितियों में यूरिया खाद की उपलब्धता नहीं हो पाई है। जिससे किसान खाद के लिए भटकने को मजबूर हैं। जानकारी के अनुसार समय पर मानसून आने पर किसानों ने खरीफ फसल की बुवाई कर दी। कई जगह लगातार बारिश होने से किसान फसल बुवाई नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि फसल बुवाई का कार्य अंतिम दौर में पहुंच गया है, लेकिन सहकारी समितियों में यूरिया खाद की उपलब्धता नहीं है। जिससे किसान भटक रहे हैं।

15 दिन पहले बुवाई कर चुके बाजरे को यूरिया की जरूरत

किसान लक्ष्मण पूनिया, साधुराम गुर्जर, अर्जुन पूनिया, मदनलाल निर्वाण, सीताराम चौधरी, रामजीलाल कसाना ने बताया कि किसानों ने समय पर मानसून आने पर बाजरे की बुवाई कर दी। 15 दिन से ज्यादा का समय हो गया। बाजरे की निराई-गुड़ाई भी कर दी गई। लगातार बारिश होने से पौधे पीले पड़ने लग गए हैं। बाजरे की ग्रोथ के लिए यूरिया खाद देना जरूरी है, लेकिन सहकारी समितियों में खाद ही नहीं मिल पा रहा। किसान यूरिया खाद के लिए भटकने को मजबूर हैं। किसानों ने बताया कि खाद-बीज की दुकानों पर भी यूरिया खाद नहीं मिल पा रहा है। जिससे किसान परेशान हैं। किसानों की समस्या पर अधिकारी भी ध्यान नहीं दे रहे।

Published on:
03 Jul 2025 05:33 pm
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