
आखिर... कब थमेगा सांभर झील में प्रवासी पक्षियों की मौत का सिलसिला
जयपुर. सांभरझील में प्रवासी पक्षियों की मौत का सिलसिला फिलहाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। झील से रोज घायल एवं मृत पक्षी मिल रहे हैं। रविवार को 62 मृत एवं 16 घायल पक्षी मिले। वहीं काचरोदा नर्सरी रेस्क्यू सेंटर पर अब तक 766 घायल पक्षी आए हैं जिनमें से 420 पक्षियों की उपचार के दौरान मौत हो गई। वहीं 325 स्वस्थ पक्षियों को उड़ाया गया। झील में वन विभाग, पशुपालन विभाग, सिविल डिफेंस की टीमों का सर्च अभियान जारी है। डॉ. लेखराज ने बताया कि रेस्क्यू सेंटर पर घायल पक्षियों को बचाने की कोशिश की जा रही है। काचरोदा नर्सरी में घायल पक्षियों का उपचार डॉ. भार्गवी के नेतृत्व में चल रहा है। शौर्य प्रशिक्षण संस्थान से भवानी शंकर, मोहनलाल, संतोष, ज्ञानचंद भी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
मांग : वेटलेंड ऑथोरिटी अवैध ट्यूबवेल बंद करे
सांभर झील में चल अवैध ट्यूबवैल को बंद करने की मांग की जा रही है। पीपुल फॉर एनीमल्स के प्रदेश प्रभारी बाबूलाल जाजू ने हाल ही में रामसर साईट कन्वेंशन का उल्लंघन कर सांभर झील में हजारों परिंदो की मौत के जिम्मेदारों, अवैध नमक उत्पादक इकाईयों व रिफाइनरियों को बंद करने, नमक इकाईयों द्वारा फैलाये गए बिजली के तारों के जाल को हटवाने, अवैध ट्यूबबैल को बंद करवाने, प्रदूषित पानी को सांभर झील में जाने से रोकने के लिए वेटलेंड ऑथोरिटी के चेयरमैन रामसुख विश्नोई को पत्र लिखा है। जाजू ने बताया कि अजमेर जिला प्रशासन की अनदेखी से जिले से जुड़े गांवे सानोदिया, जाग, बिलावत, आऊ व रूपनगढ़ के पास भी सांभर झील क्षेत्र में लगभग 500 अवैध नमक उत्पादक इकाइयां ट्यूबवेल खोदकर जल दोहन कर रही है। वहीं अवैध रिफाइनरियां भी संचालित हैं, जिससे सांभर झील का पानी प्रदूषित हुआ है। इसके लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल नई दिल्ली के चेयरमैन आदर्श कुमार गोयल को पत्र लिखा है।
शुद्धि के लिए हवन किया
सांभर झील में हुई पक्षियों की मौत के बाद वातावरण शुद्धि के लिए रविवार को आर्य समाज सांभर एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से बड़ा बाजार के डाबों की गली में हवन किया गया। जिसमें मनोज शर्मा, आशीष शर्मा, राजू साहू, रमेश शर्मा, विक्रम सिंह शेखावत, द्वारका सोनी, राहुल अग्रवाल, नितेश गोयल, अतुल गोयल आदि बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
Published on:
01 Dec 2019 11:18 pm
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