
Baiga Woman : बालाघाट के परसवाड़ा क्षेत्र के ग्राम बघोली की 40 वर्षीय बैगा महिला सुलखन बाई ने 22 जनवरी की रात अपने 10वें बच्चे(Baiga Woman) को जन्म दिया। नवजात बच्ची और मां दोनों स्वस्थ हैं। सुलखन बाई और उनके पति दशरथ मरकाम मजदूरी का काम करते हैं और अशिक्षित हैं।
सुलखन बाई ने बताया कि उनका विवाह 22 वर्ष की उम्र में हुआ था। जब उनके दो बच्चे हुए, तो वे बैहर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नसबंदी कराने गई। लेकिन वहां स्वास्थ्य कर्मियों ने उन्हें बैगा जाति होने का हवाला देते हुए नसबंदी करने से मना कर दिया। इसके बाद उनकी नसबंदी नहीं हो पाई। सीएमएचओ डॉ. मनोज पांडे ने बताया कि वर्तमान में बैगा(Baiga Woman) और विशेष समुदाय की महिलाओं की नसबंदी संभव है, लेकिन इसके लिए संबंधित क्षेत्र के एसडीएम और कलेक्टर से अनुमति लेना आवश्यक होता है। उन्होंने माना कि यह संभव है कि उस समय स्वास्थ्य कर्मियों को यह जानकारी न रही हो।
सुलखन बाई के अब कुल 9 जीवित बच्चे हैं, जिनमें 4 बेटे और 5 बेटियां शामिल हैं। उनका सबसे बड़ा बेटा 18 साल का है। सुलखन और उनके पति मजदूरी करते हैं, जिससे इतने बड़े परिवार का पालन-पोषण करना उनके लिए बड़ी चुनौती है। एसडीएम गोपाल सोनी ने स्पष्ट किया कि बैगा या अन्य विशेष समुदाय की महिलाएं यदि स्वेच्छा से नसबंदी करवाना चाहती हैं, तो वे अपने क्षेत्र के एसडीएम से अनुमति लेकर नसबंदी करवा सकती हैं।
Updated on:
25 Jan 2025 11:27 am
Published on:
25 Jan 2025 10:46 am
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