अभाव में शिक्षा का प्रभाव- पांचवी में तीसरा व आठवीं में पाया दूसरा स्थान जिला शिक्षा केंद्र से जारी समीक्षा रिपोर्ट के आंकड़ों से सामने आई स्थिति
अभाव में शिक्षा का प्रभाव, जी हॉ कुछ ऐसा ही हमारे शिक्षकों ने कर दिखाया है। जिला शिक्षा केन्द्र से जारी बोर्ड पैटर्न पर आधारित कक्षा 8 व 5 वीं के परीक्षा परिणामों के आंकड़ें शिक्षकों के साथ ही पूरे जिले को गौरवान्वित करने वाले हैं। प्रदेश स्तर पर की गई जिलेवार समीक्षा में बालाघाट जिला इन कक्षाओं के वार्षिक परीक्षा परिणामों में अव्वल रहा है। समीक्षा रिपोर्ट के अनुसार जिले में कक्षा पांचवी का परिणाम 99.7 प्रतिशत के साथ प्रदेश में तीसरा स्थान और कक्षा आठवीं का परिणाम 99.39 प्रतिशत के साथ बालाघाट जिला प्रदेश में दूसरे स्थान पर रहा है।
यह उम्दा परिणाम तब सामने आए हैं जब जिले के सरकारी स्कूलों की दयनीय स्थिति है। शिक्षा विभाग के अधिकारी भी इस बात को मानते हैं कि इतनी विषय परिस्थितियों में भी हमारे जिले के शिक्षकों ने पूरी इमानदारी से बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान की। परिणाम अब खुश करने वाले सामने आए हैं। इनका मानना है कि सरकारी स्कूलों का बुनियादी ढांचे में सुधार आ जाए तो हमारा जिला शिक्षा के मामले में प्रदेश में प्रथम स्थान भी बना सकता है। अच्छे परिणामों को लेकर डीपीसी जीपी बर्मन, एपीसी व जिला शिक्षा केन्द्र के स्टॉफ ने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों और पालकों को बधाईयां और शुभकामनाएं दी है।
जिले में सरकारी स्कूलों के हाल बेहाल है। स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत 2252 प्राथमिक और 532 मीडिल कुल 2784 स्कूल संचालित है। इनमें 880 स्कूल ऐसे हैं, जिन्हें कायाकल्प और मरम्मत की दरकार है। 331 स्कूलों को स्वयं तकनीकि अमले ने चिन्हित कर इन्हें जर्जर और डिस्मेंटल योग्य घोषित कर रखा है। 97 स्कूलों का स्वयं का भवन ही नहीं है। इन स्कूलों की कक्षाओं का संचालन दान में दिए कमरों या फिर आंगनवाड़ी, पंचायत व सामुदायिक भवनों में मजबूरन कराया जा रहा है। इस तरह की स्थिति और चुनौतियों के बीच शिक्षक बच्चों को किसी तरह पढ़ा रहे हैं। सरकारी स्कूलों के बच्चों ने भी शिक्षको की मेहनत को जाया नहीं होने दिया। परिणाम सामने आ गए हैं। जिला प्रदेश की टॉप फाइव सूची में शामिल है।
आदिवासी बाहूल्य बालाघाट जिले के आदिवासी विकासखंडों में भी पांचवीं, आठवीं के परिणामों की बेहतर स्थिति सामने आई है। ब्लॉकवार आंकड़ों पर नजर दौड़ाए तो कक्षा पांचवीं में 17242 बच्चों में 16958 परीक्षा में शामिल हुए। इनमें 16898 बच्चे पास हुए हैं। 347 ने ए प्लस, 4022 बच्चे प्रथम स्थान पर रहे हैं। आदिवासी बाहूल्य बैहर, बिरसा और परसवाड़ा विकासखंडों में भी बेहतर स्थिति रही। बिरसा विखं के 2301 बच्चों में 2252 ने परीक्षा दी। 2249 बच्चे पास हुए। इनमें 41 ने ए प्लस, 541 प्रथम स्थान पर रहे। बैहर में 1579 बच्चों में 1520 ने परीक्षा दी। 1509 बच्चे हुए। 8 बच्चों ने ए प्लस, 230 प्रथम स्थान पर रहे। इसी तरह परसवाड़ा विखं के भी 1289 बच्चों में 1257 ने परीक्षा दी। 1254 बच्चे हुए। 10 बच्चों ए प्लस और 286 बच्चों ने प्रथम स्थान हासिल किया।
कक्षा आठवीं की बात करें तो रिपोर्ट के अनुसार कुल 20969 दर्ज संख्या में 20394 ने परीक्षा दी। 20239 बच्चे पास हुए। 962 बच्चों ने ए प्लस और 5583 बच्चे प्रथम स्थान पर रहे। आदिवासी अंचल के विकाखंड बैहर का परीक्षा परिणाम 99.23, बिरसा का 99.16 और परसवाड़ा का परीक्षा परिणाम 99.53 प्रतिशत रहा।
वर्सन
बोर्ड पैटर्न पर आधारित कक्षा पांचवी और आठवीं के परीक्षा परिणामों में जिले की बेहतर स्थिति है। प्रदेश में पांचवी तीसरा और आठवीं कक्षा के परिणामों में हम दूसरे स्थान पर रहे। यह शिक्षकों की मेहनत और कड़े परिश्रम का परिणाम है। इसके लिए सभी शिक्षकों को बधाई और आशा है कि आगे भी इस पोजीशन को वे बरकरार रखेंगे।
जीपी बर्मन, डीपीसी बालाघाट