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सावधान! रेंजर कॉलेज व आस पास घूम रहा हिंसक वन्य प्राणी तेंदुआ

दूसरे दिन भी तेंदुए की उपस्थिति के मिले प्रमाण अधिकारियों ने मौके पर लगवाए दो कैमरें, कर्मचारियों की बढ़ाई गई गस्ती

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वन विभाग ने बांधा फ्लेक्स, लोगों को कर रहा सावधान

वन विभाग ने बांधा फ्लेक्स, लोगों को कर रहा सावधान

बालाघाट. रेंजर कॉलेज परिसर, बजरंग घाट, मनका टेकरी, शंकर घाट, डेंजर रोड के आस पास अब भी हिंसक वन्य प्राणी तेंदुए की आमद बनी हुई है। आप लोगों को सूचित किया जाता है कि उक्त वनक्षेत्र के आस पास घूमने व भ्रमण करने से बचें। कुछ इसी तरह की चेतावनी वाला फ्लेक्स वन अधिकारियों ने शनिवार को रेंजर कॉलेज मुख्य प्रवेश द्वारा पर लगवाया है। लेकिन इस चेतावनी का असर यहां भ्रमण पर आने वालों पर तनिक भी दिखाई नहीं दे रहा है। आम दिनों की तरह ही लोग यहां सैर सपाटा करने पहुंच रहे हैं।
जानकारी के अनुसार रेंजर कॉलेज वन क्षेत्र में शुक्रवार से तेंदुए की दस्तक बनी हुई है। शनिवार को भी तेंदुए की आमद बनी रहने के प्रमाण वन विभाग को मिले हैं। गस्ती में तैनात जवानों को तेंदुए की बीट, पदचिन्ह और खरोच के निशान मिल है। ऐसे में तेंदुए के इसी क्षेत्र में भ्रमण किए जाने की जानकारी दी जा रही है।

शिकार के बाद सामने आई जानकारी
तेंदुआ कब से यहां घूम रहा है फिलहाल स्पष्ट नहीं हो पाया है। लेकिन जब शुक्रवार को वन विभाग के अमले ने रेंजर कॉलेज के जंगली क्षेत्र से एक गर्भवती मादा चीतल के शव को बरामद किया। तब तेंदुए की आमद की पुष्टि हो गई। हालांकि वन क्षेत्र से घिरे बालाघाट शहरी क्षेत्र में वन्य प्राणी चीतल और जंगली सूकर का मूवमेंट हमेशा ही रहता है। लेकिन तेंदुए के चीतल का शिकार करने के मामले के बाद वन विभाग अलर्ट मोड पर है।

वन क्षेत्र में लगाए दो गए कैमरे
वन परिक्षेत्र अधिकारी धमेन्द्र बिसेन के अनुसार रेंजर कॉलेज परिसर व बजरंग घाट में काफी संख्या में लोगों का आवागमन रहता है। सुरक्षा के लिहाज से तेंदुए को ट्रेक करने व लोकेशन पता करने दो कैमरे लगाए हैं। हालाकि शनिवार तक तेंदुआ कैमरे में कैद नहीं हो पाया है। लेकिन उसकी मौजूदगी के प्रमाण मिले हैं। रेंजर बिसेन ने बताया कि वन क्षेत्र काफी बड़ा होने से सुरक्षा श्रमिकों की संख्या नाकाफी साबित हो रही है। ऐसे में अतिरिक्त सुरक्षा श्रमिकों की मांग के लिए पत्र लिखा जा रहा है।

वर्सन
जंगल क्षेत्र में तेंदुए के पदमार्क मिले हैं। उसकी मौजूदगी आसपास ही है। वनविभाग का अमला अलर्ट मोड पर है। अमला गश्त कर रहा है। लोगों को समझाईश दी गई है कि वे जंगली क्षेत्र में अकेले ना जाए। तेंदुआ कभी भी किसी को अपना शिकार बना सकता है।
अजय चौरे, डिप्टी रेंजर

वन्य प्राणियों के इस तरह से रिहायशी इलाकों में आना खुशी की खबर हो सकती है। जंगलों में इनकी संख्या बढ़ रही है वहीं शिकार के मामले में शून्य हो गए हैं। सभी पहलुओं को लेकर इंतजाम किए जा रहे हैं।
धमेन्द्र बिसेन, रेंजर बालाघाट